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पंजाब में लोकसभा का सेमीफाइनल, आप की अग्निपरीक्षा, उपचुनाव को लेकर तैयारियां शुरू

Lok Sabha By-Election: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पंजाब की जालंधर सीट (Jalandhar Lok Sabha By-Election) पर उपचुनाव होने हैं. पंजाब इस उपचुनाव में “आप” सहित सभी राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. निर्वाचन आयोग ने अभी तक जालंधर उपचुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन यह उपचुनाव 2024 लोकसभा चुनाव की दिशा और दशा के संकेत तय कर सकता है.

चंडीगढ़: 2024 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 202) से पहले पंजाब (Pujab) में जालंधर संसदीय क्षेत्र (Jalandhar BY-Election) से कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी (Santokh Singh Chaudhary) के निधन के बाद होने वाले उपचुनाव आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए अग्नि परीक्षा के समान हैं. जून माह 2022 में राज्य में हुए संगरूर संसदीय उपचुनाव हारने के बाद लोकसभा में आप की उपस्थिति शून्य हो चुकी है. यह सीट भगवंत मान (Bhagwant Mann) के सीएम बनने के बाद खाली हुई थी, लेकिन पंजाब की इस हाईप्रोफाइल सीट पर शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार सिमरनजीत सिंह मान जीत गए थे. वह भी ऐसे समय में जब आप को सत्ता में आए हुए करीब 100 दिन ही हुए थे.

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सीएम मान का फोकस जालंधर पर
राज्य में कई चुनावी वादे पूरा करने के दावे करने वाली AAP के पास अब एक और मौका है जब वह लोकसभा चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए इस सीट को जीत सकती है. हालांकि इसमें  कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस इस सीट को सहानुभूति को आधार बना कर फिर से जीतने का प्रयास करेगी. मुख्यमंत्री भगवंत मान पिछले 10 दिनों में जालंधर के तीन चक्कर लगा चुके हैं. वाराणसी के लिए एक ट्रेन को हरी झंडी दिखाने, रविदास जयंती में भाग लेने के बाद वह शहर के उद्योगपतियों के साथ भी बैठक कर चुके हैं.

भाजपा के पास हैं कांग्रेस छोड़ चुके दिग्गज नेता
इसके अलावा भाजपा भी जालंधर सीट को जीतने के लिए खास रणनीति तैयार करेगी, भाजपा के पास वर्तमान में कांग्रेस को छोड़ भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सुनील जाखड़, पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, बलबीर सिद्धू, श्याम सुंदर अरोड़ा और डॉ. राज कुमार वेरका जैसे अनुभवी नेता हैं.

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वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में धराशायी हो चुका शिरोमणि अकाली दल भी इस उपचुनाव में अपने वजूद को साबित करने की कोशिश करेगा. कुल मिलाकर देखा जाए तो इस उपचुनाव में “आप” सहित सभी राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. निर्वाचन आयोग ने अभी तक जालंधर उपचुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की है. लेकिन यह उपचुनाव 2024 लोकसभा चुनाव की दिशा और दशा के संकेत तय कर सकता है.

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