इस मंदिर में श्रद्धालु चिट्ठी लिखकर भगवान को अर्जी देते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां चिट्ठी के रूप में लगी अर्जी के बाद भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.
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Hasanamba Temple: दक्षिण भारत में एक मशहूर मंदिर है जो साल में सिर्फ एक ही बार हफ्तेभर के लिए खुलता है. इस मंदिर की बेहद मान्यता है और यहां दर्शन के लिए उस वक्त दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. इस मंदिर का नाम हसनंबा मंदिर है जो बेंगलुरु से करीब 180 किलोमीटर दूर स्थित है. यह मंदिर 12 वीं शताब्दी का बताया जाता है. मंदिर साल में सिर्फ एक बार दिवाली के दिन खुलता है. मंदिर में देवी हसनंबा की पूजा होती है. जब यह मंदिर खुलता है उस दौरान दो दिन के लिए यहां विशेष अनुष्ठान भी होता है, जिस वक्त मंदिर श्रृद्धालुओं के लिए बंद रहता है.
बताया जाता है कि इस मंदिर को होयसल वंश के राजाओं द्वारा 12वीं शताब्दी में बनाया गया था. इस मंदिर में श्रद्धालु चिट्ठी लिखकर भगवान को अर्जी देते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां चिट्ठी के रूप में लगी अर्जी के बाद भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. इस मंदिर में कई चमत्कार होते हैं. जब मंदिर के कपाट खोले जाते हैं उस वक्त यहां दीपक जलाया जाता है जो पूरे साल भर जला रहता है. जब मंदिर को साल में फिर से खोला जाता है, तो यहां दीपक जल रहा होता है. साथ ही ईश्वर को अर्पित फूल भी ताजे ही मिलते हैं.
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इस मंदिर को लेकर पौराणिक कथा है कि अंधकासुर नाम का एक राक्षस था. उसने कठोर तपस्या के बाद ब्रह्मा से अदृश्य होने का वरदान हासिल कर लिया था. जिसके बाद वो अत्याचार करने लगा था. भगवान शिव उस राक्षस का अंत करने के लिए जैसे ही उसे मारते उसके रक्त की एक-एक बूंद राक्षस बन जाती. तब शिव ने अपनी शक्तियों से योगेश्वरी देवी का निर्माण किया और देवी ने उस राक्षस का विनाश किया.इस मंदिर के मुख्य मीनार का निर्माण द्रविड़ शैली में हुआ है.