दिल्ली पुलिस ने साइबर जालसाजी के मामलों पर रोक लगाने के लिए ट्रूकॉलर (Truecaller) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे अब पुलिस को धोखाधड़ी करने वाले फोन नंबरों की पहचान के लिए ट्रूकॉलर की मदद मिलेगी। (File Photo)
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नई दिल्ली, एएनआई। दिल्ली पुलिस ने साइबर जालसाजी के मामलों पर रोक लगाने के लिए अहम कदम उठाया है। अब मंत्री और सरकारी अधिकारियों के नाम से ठगी करने वालों पर शिकंजा कसा जा सकेगा। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने कॉलर आईडी की जांच करने वाले प्लेटफॉर्म ट्रूकॉलर (Truecaller) के साथ एक समझौता साइन किया, जिससे लोगों को सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों की तस्वीरें लगाकर ठगी करने वाले साइबर अपराध से बचाने में मदद मिलेगी।
पुलिस के अनुसार, “अब हम समझौते के बाद दिल्ली पुलिस के सभी आधिकारिक नंबरों को सत्यापित करेंगे, क्योंकि जालसाजों ने कई बार खुद को पुलिस के अधिकारियों के रूप में पेश किया है और अपने वॉट्सऐप प्रोफाइल पर वरिष्ठ अधिकारियों की फोटो लगाकर लोगों से धोखाधड़ी की है।
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अब ट्रूकॉलर दिल्ली पुलिस द्वारा दिए गए उन फोन नंबरों को भी चिन्हित करेगा, जिनके खिलाफ उसे उत्पीड़न, घोटाले या अन्य पंजीकृत मुद्दों के संबंध में शिकायतें मिली हैं। इससे दिल्लीवासियों को खुद को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी और ये नंबर सक्रिय रहने की स्थिति में उन्हें अलर्ट करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कोविड काल के दौरान भी ट्रूकॉलर ने पुलिस की काफी मदद की थी। हाल ही में पुलिस उपायुक्त (जनसंपर्क अधिकारी) सुमन नलवा ने बताया था कि कोविड महामारी के दौरान, कोविड काल में ट्रूकॉलर ने हमारी बहुत मदद की थी, क्योंकि ऑक्सीजन सिलेंडर, कंसन्ट्रेटर्स, दवाएं और घातक वायरस के इलाज से जुड़े अन्य आवश्यक सामान बेचने के बहाने बहुत सारे घोटाले और धोखाधड़ी की सूचना मिली थी। इसलिए, हमारे अधिकारियों ने उन जालसाजों की संख्या की पहचान की और Truecaller को सतर्क किया, जिसने असत्यापित नंबरों को स्पैम के रूप में दर्शाया था।