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National Vaccination Day: क्या आप जानते हैं, देश में हर साल 2.6 करोड़ बच्चों को लगाए जाते हैं मुफ्त टीके

National Vaccination Day: आज देश में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जा रहा है. यह दिन एक अवसर है जब आप आपके बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए टीका लगाने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स को शुक्रिया कह सकते हैं.

National Vaccination Day: आज यानी गुरुवार 16 मार्च को देशभर में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. भारत में हर रोज करोड़ों बच्चों का जन्म होता है और इन बच्चों को जिंदगी भर स्वस्थ रखने के लिए पहले दिन से अगले कुछ वर्षों तक नियमित तौर पर कुछ टीके लगवाए जाते हैं. इस दौरान बच्चों को खसरा (Measles), टीबी (BCG), हेपेटाइटिस (Hepatitis), रोटा वायरस (Rotavirus), पोलियो (Polio) आदि बीमारियों से बचाने के लिए टीके लगाए जाते हैं. इनमें से ज्यादातर टीके सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त में लगाए जाते हैं. जो नर्स या डॉक्टर इन टीकों को लगाकर आपके बच्चे को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, आज का दिन उन्हें Thanks कहने का है. इसलिए आज अपने उन फ्रंटलाइन हेल्थ केयर वर्कर्स को धन्यवाद जरूर कहें.

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WHO से मिली तारीफ

हमारे देश में हर वर्ष 16 मार्च को नेशनल वैक्सीनेशन डे के रूप में मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार भारत ने भारत ने नियमित वैक्सीन ड्राइव को तेज करने के लिए बहुत ही अच्छी प्रोग्रेस की है. भारत में साल 2017 से 2020 के बीच मीजल्स और रुबेला के उन्मूलन (Elimination) के लिए MR वैक्सीनेशन कैंपेन चलाया, जिसके तहत 324 मिलियन यानी 32 करोड़ से अधिक बच्चों का टीकाकरण किया गया.

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हमारे देश में गर्भवती महिलाओं को अब तक 3 करोड़ से अधिक वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं. इसके अलावा यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम के तहत हर वर्ष करीब 2.6 करोड़ बच्चों का टीकाकरण किया जाता है. यही नहीं भारत सरकार मिशन इंद्रधनुष के तहत एक बहुत ही सफल टीकाकरण अभियान चलाती है. अब मिशन इंद्रधनुष को और भी इंटेंसिफाई करके IMI 4.0 लॉन्च किया गया है, जिसका मकसद देश में टीकाकरण की कवरेज 90 फीसद से अधिक बढ़ाना है.

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रुबेला की वजह से हो सकता है बर्थ डिफेक्ट

बता दें कि मीजल्स यानी खसरा एक बहुत ही संक्रामक बीमारी है, जो जंगल की आग की तरह फैलती है. इसके अलावा रुबेला के वजह से बच्चों में बर्थ डिफेक्ट हो सकते हैं. खसरा और रुबेला दोनों को ही टीकाकरण के माध्यम से रोक पाना संभव है. इनकी रोकथाम के लिए दो MR वैक्सीन की दो डोज दी जाती हैं. अच्छी बात यह है कि यह टीके भारत के राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान का हिस्सा हैं और स्वास्थ्य केंद्रों पर फ्री में लगाई जाती हैं. पिछले दो दशकों में खसरे की वैक्सीन से दुनियाभर में 3 करोड़ से अधिक लोगों की जान बचाने में मदद मिली है.

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