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बिहार

Bihar Weather: शिवहर के एक दर्जन गांवों में कुदरत का कहर, 250 ग्राम से 1 किलो तक के गिरे ओले; शिमला जैसा नजारा

Bihar Crops Destroyed in Hailstorm शुक्रवार सुबह तेज आंधी-पानी-ओलावृष्टि ने शिवहर में जबरदस्त तबाही मचा दी। ओलावृष्टि से जिले के एक दर्जन से अधिक गांवों में कुदरत का कहर बरपा है। एक घंटे तक हुई ओलावृष्टि से खेत खलिहान मकान बाजार और सड़क तक सफेद चादर में लिपट गए।

शिवहर: शुक्रवार की अलसुबह आई तेज आंधी-पानी और ओलावृष्टि ने तरियानी प्रखंड में जबरदस्त तबाही मचा दी। जमकर हुई ओलावृष्टि से शिवहर जिले के तरियानी प्रखंड में भारी नुकसान पहुंचा है। प्रखंड के नरवारा, शरीफनगर, लदौरा, वासठपुर, सोनबरसा, राजाडीह, अटकोनी, औरा, बंशी पचरा और मंगुराहा समेत एक दर्जन से अधिक गांवों में कुदरत का कहर बरपा है।

जमकर हुई ओलावृष्टि, फसलें हुई तबाह

एक घंटे तक हुई ओलावृष्टि से खेत, खलिहान, मकान, दुकान, बाजार और सड़क तक सफेद चादर में लिपट गए। तेज हवा के झोंको से दर्जनभर मकान ध्वस्त हो गए। पेड़ों की टहनियां टूट कर गिर पड़ीं। वहीं गेहूं, मक्का, सरसों, दलहन, आम, लीची, पपीता, कटहल, सहजन और सब्जी की फसलें बर्बाद हो गई हैं। प्रभावित इलाकों में बिजली सेवा भी अब तक बाधित है।

नरवारा में बर्फ से पटा इलाका और तूफान से गिरा घर।

बताते चलें कि शुक्रवार की अलसुबह तकरीबन पांच बजे से इलाके में तेज हवा के साथ बारिश होने लगी। थोड़ी ही देर में हल्की बारिश के बीच ओले भी गिरने लगे। दस मिनट के भीतर ही सारा इलाका बर्फ की सफेद चादर से लिपट गया। एक घंटे तक हुई ओलावृष्टि से खेत, खलिहान, मकान, दुकान, बाजार और सड़क तक बर्फ की सफेद चादर में लिपट गए। तस्वीरें ऐसी कि मानो ये बिहार का इलाका नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर और शिमला हो।

ओलावृष्टि के बाद गांव का दृश्य।

एक दर्जन गांवों में कुदरत का कहर

ओलों की मार से फसलें सफेद चादर के नीचे दबकर ढक गईं। कुछ इलाकों में मटर से लेकर आंवला के दानों जैसे आकार के ओले गिरे तो कुछ इलाकों में 250 ग्राम से एक किलो तक के बर्फ के टुकड़े गिरने की भी खबर है। शरीफनगर के 80 वर्षीय मकसूद आलम ने बताया कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में इतने बड़े ओले गिरते नहीं देखे। नरवारा के संजय सिंह ने बताया कि इलाके के लोगों ने ऐसी ओलावृष्टि कभी नहीं देखी थी।

बर्फबारी के दौरान गिरे बर्फ के टुकड़े दिखाता युवक।

इलाके में गिरा बर्फ का टुकड़ा।

फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। गेहूं की फसल जो कटने के लिए तैयार थी, अब ओलावृष्टि से उसकी बालियां बर्बाद हो गई हैं। मंगुराहा के किसान रामनाथ राय ने बताया कि किसानों के लिए यह कुदरत का कहर है। आम, लीची, केला, पपीता, सब्जी, गेहूं, मक्का, सरसों और दलहन समेत सभी फसलें बर्बाद हो गई है। सहजन और कटहल को भी नुकसान पहुंचा है। औरा निवासी जावेद आलम ने बताया कि इलाके के किसानों के लिए कुछ भी नहीं बचा है। सब कुछ बर्बाद हो गया है।

ओलावृष्टि से बर्बाद गेहूं की फसल।

ओलावृष्टि से बर्बाद मक्के की फसल।

दस हजार एकड़ में फसलों के बर्बाद होने की आशंका

नुकसान का आंकलन करने के लिए प्रशासनिक टीम इलाके का भ्रमण करने में जुट गई है। एसडीओ मो. इश्तियाक अली अंसारी, सीओ अमित कुमार, थानाध्यक्ष शोभाकांत पासवान, प्रखंड कृषि पदाधिकारी मुनेश्वर प्रसाद सिंह आदि की टीम ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। तरियानी के इलाकों में तकरीबन दस हजार एकड़ में लगी फसलों के बर्बाद होने की संभावना है।

ओलावृष्टि के बाद इलाके का दौरा कर नुकसान का जायजा लेती एसडीओ समेत प्रशासनिक टीम।

भाजपा जिलाध्यक्ष नीरज कुमार सिंह, जिला बार एसोसिएशन के महासचिव धर्मेंद्र कुमार सिंह, शरीफनगर के मुखिया सोनू बैठा आदि ने जिला प्रशासन से क्षति का आंकलन कर पीड़ितों को सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है।

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