राजफेड के अधिकारियों ने बताया कि किसी तरह की तकनीकी खामी नहीं आई तो पंजीयन का कार्य सोमवार 20 मार्च से शुरू किया जाएगा. खरीद की तैयारी पूरी कर ली गई है. केंद्र सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 5450 रुपये, चना का समर्थन मूल्य 5335 रुपये निर्धारित किया है. बाजार भाव इस समय समर्थन मूल्य से कम होने से इस वर्ष सरसों की खरीद की उम्मीद जताई जा रही है
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कोटा. राजस्थान के कोटा जिले के बाजारों में सरसों की नई फसल की आवक शुरू हो गई है. हाड़ौती संभाग में रबी की फसल 2023-24 में समर्थन मूल्य योजना के तहत सहकारिता विभाग, राजफेड के माध्यम से सरसों ओर चना की खरीद एक अप्रैल, 2023 से शुरू करेगा. विशेषज्ञों ने इस वर्ष बाजार भाव कम होने से सरसों व चना की बंपर खरीद होने की संभावना जताई है. कोटा, बूंदी, बारां व झालावाड़ जिला कलेक्टर की अनुशंसा पर कुल 57 खरीद केंद्र बनाये गये हैं.
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राजफेड के अधिकारियों ने बताया कि किसी तरह की तकनीकी खामी नहीं आई तो पंजीयन का कार्य सोमवार 20 मार्च से शुरू किया जाएगा. खरीद की तैयारी पूरी कर ली गई है. केंद्र सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 5450 रुपये, चना का समर्थन मूल्य 5335 रुपये निर्धारित किया है. बाजार भाव इस समय समर्थन मूल्य से कम होने से इस वर्ष सरसों की खरीद की उम्मीद जताई जा रही है. वर्ष 2022-23 तथा 2021-22 की बात करें तो, कोटा संभाग में सरसों की खरीद शून्य रही थी.
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इस वर्ष बाजार भाव की बात करें तो सरसों का औसत भाव 5000 तथा चना का 4600 चल रहा है. जो समर्थन मूल्य से 450 तथा 750 रुपए कम है. समर्थन मूल्य खरीद केंद्रों पर सरसों व चना बेचने के लिए किसान भी उत्सुक नजर आ रहे हैं. समर्थन मूल्य पर खरीद बाजार भाव पर निर्भर करती है. बाजार भाव कम रहने पर किसान अपनी जींस को समर्थन मूल्य पर बेचता है.
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बता दें कि, पिछले वर्ष सरसों का समर्थन मूल्य 5050 रुपये निर्धारित किया गया था. जबकि, बाजार भाव की बात करें तो 10 से 12 प्रतिशत नमी वाली सरसों भी 6251 रुपये तथा जिस सरसों में नमी नहीं थी उसका मूल्य 7450 रुपये से अधिक था. जो समर्थन मूल्य से करीब ढाई हजार रूपए अधिक था. जिस कारण समर्थन मूल्य पर सरसों बेचना तो दूर, पंजीयन में भी किसानों ने रुझान नहीं दिखाया था.