देश के कई हिस्सों के साथ ही मध्य प्रदेश में भी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है.
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Hailstorm in Madhya Pradesh: देश के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. मध्य प्रदेश की जगहों पर भी किसानों पर बारिश और ओले आफत बनकर बरसे हैं. मध्य प्रदेश के खरगोन, निवाड़ी सहित कई जिलों में किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं. खरगोन जिले में झिरन्या तहसील के पहाड़ी इलाके में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से बर्फ की सफेद चादर बिछ गई. निवाड़ी में भी ऐसा ही हुआ. कई जगहों पर किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. निवाड़ी की रहने वालीं यूएन इंडिया की क्लाइमेट लीडर के रूप में चयनित हुईं वर्षा रायकवार ने कहा कि इस बारिश और ओलावृष्टि ने बहुत से किसानों को सदमा दिया है. फसलें नष्ट हो गई हैं.
खरगोन के कोठारा गांव के सरपंच रमेश वास्कले ने कहा कि रविवार को बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने निमाड़ इलाके को पूरी तरह से बर्फ से ढक दिया . उन्होंने कहा कि आमतौर पर मार्च के महीने में क्षेत्र का तापमान 30 से 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है लेकिन बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने वातावरण को ठंडा कर दिया है.
जिला पंचायत सदस्य एवं कोठारा गांव के निवासी सिकता सोलंकी ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार हमने क्षेत्र में ऐसी ओलावृष्टि देखी है जिसने पूरे इलाके को बर्फ से ढक दिया है. सोलंकी ने बताया कि इस आपदा में किसानों की फसलों को नुकसान भी हुआ है. उन्होंने कहा कि चूंकि ये क्षेत्र वन गांवों में आते हैं इसलिए फसलों को अधिक नुकसान नहीं हुआ है. एक स्थानीय किसान म्यान सिंह ने बताया कि जिन फसलों को काटा नहीं गया है, उन्हें नुकसान हुआ है और नुकसान का आकलन करने के लिए प्रशासन से एक सर्वेक्षण कराने की मांग की है.
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प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि बच्चों और लोगों को बर्फ से खेलते और बर्तनों में ओले भरते हुए देखा गया. लोगों ने अपने मोबाइल फोन पर बर्फ से खेलने और बर्फ से ढके पहाड़ों व खेतों के वीडियो भी शूट किए और उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर भी किया. इस बीच, खरगोन के जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान की सूचना नहीं है क्योंकि अधिकतर किसान फसल काट चुके हैं. उन्होंने कहा, “कुछ किसानों की फसल को नुकसान हुआ है और क्षेत्र के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) मिलिंद ढोके को प्रभावित क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है ताकि उन्हें मुआवजा दिया जा सके.”