नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशक टैक्स नियमों में होने वाले बदलाव पर काफी करीब से निगाह रखते हैं, जिससे कि नियमों में कोई बदलाव होने पर अपने पोर्टफोलियो को उसके मुताबिक समायोजित और किसी भी प्रकार के जुर्माने से बच सके।
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आम बजट 2023 में इस बार टैक्स के नियमों में काफी बदलाव किया गया है। नई टैक्स प्रणाली के अंतर्गत टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है और 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट भी अब इसमें दी जा रही है।
Equity, F&O ट्रेडिंग के टैक्स नियमों में हुआ बदलाव?
बजट में ऐसे किसी भी नए टैक्स का ऐलान नहीं किया गया है, जिससे आपका इक्विटी इन्वेस्टमेंट, F&O ट्रेडिंग और स्टॉक से होने वाला लाभ प्रभावित हो। हालांकि, कैपिटल गेन टैक्स को रियल एस्टेट, गोल्ड और मार्केट लिंक डिबेंचर्स से जोड़ दिया गया है।
इस बजट में नए कैपिटल गेन टैक्स लाने को लेकर उठ रही चिंताओं को तो सरकार की ओर से समाप्त कर दिया गया है, लेकिन एक लाख रुपये से अधिक के लॉग टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर कोई राहत नहीं दी गई है।
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मौजूदा समय में लॉग टर्म कैपिटल गेन एक लाख रुपये से अधिक होने पर 10 प्रतिशत का टैक्स लगता है। वहीं, अगर निवेशक को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन होता है, तो उस पर 15 प्रतिशत टैक्स चुकाना होगा।
इनकम टैक्स नियमों में बदलाव
2023 बजट में सरकार की ओर से नई रिजीम के तहत इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया है। इसके तहत अब 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं, 3- 6 लाख पर 5 प्रतिशत, 6-9 लाख पर 10 प्रतिशत, 9-12 लाख पर 15 प्रतिशत और 12-15 लाख पर 20 प्रतिशत और 15 लाख पर 30 प्रतिशत का इनकन टैक्स लगेगा।