इंदौर में 30 मार्च को बावड़ी पर बने मंदिर का फर्श धंसने से 36 श्रद्धालुओं की मौत के चार दिन बाद स्थानीय प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाई
इंदौर : मध्यप्रदेश इंदौर में बावड़ी पर बने एक मंदिर का फर्श धंसने से 36 श्रद्धालुओं की मौत के चार दिन बाद स्थानीय प्रशासन ने सोमवार को सुबह इस धार्मिक परिसर के आसपास से अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू की और हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां अन्य देवस्थान में पहुंचाईं. अधिकारियों ने बताया कि पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर परिसर में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में यह मुहिम शुरू की गई और मंदिर तक पहुंचने के रास्तों पर बैरिकेड लगाए गए.
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इंदौर नगर निगम द्वारा तैनात बुलडोजरों ने आज बेलेश्वर झूलेलाल महादेव मंदिर में अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया, जहां पिछले गुरुवार को 36 लोगों की मौत एक बावड़ी में गिरने से हुई थी. बुलडोजर चलने के दौरान जिला प्रशासन के अधिकारी और पुलिस कर्मी बड़ी संख्या में मौजूद थे.
मंदिर परिसर के आस-पास करीब 10,000 वर्ग फुट जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है. इस बीच, मौके पर मौजूद एक पंडित ने बताया कि इस कार्रवाई से पहले मंदिर की मूर्तियों की विधि-विधान से पूजा की गई और इन्हें कांटाफोड़ मंदिर ले जाकर स्थापित किया गया। जूनी इंदौर थाने के प्रभारी नीरज मेड़ा ने बताया कि हादसे के बाद बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
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मेड़ा ने बताया कि ट्रस्ट के दोनों पदाधिकारियों के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने बावड़ी पर छत डालकर बेहद असुरक्षित निर्माण कराया जिससे हुए हादसे के कारण 36 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. उन्होंने बताया, इंदौर नगर निगम ने ट्रस्ट को मंदिर परिसर से अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन ट्रस्ट ने यह आदेश नहीं माना.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मरने वालों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की थी. इस घटना में कुल 36 लोगों की मौत हुई थी और 16 लोगों को बचा लिया गया था. चारों तरफ से शवों को शहर के पटेल धर्मशाला लाया गया और उसके बाद उन्हें एंबुलेंस और गुजराती समुदाय की बसों से मुक्तिधाम (श्मशान घाट) ले जाया गया.
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मुख्यमंत्री चौहान और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने घटना स्थल पर बचाव अभियान का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं और जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. “एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, और घटना की एक मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया गया था. जिम्मेदार पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. मौजूदा प्राथमिकता रेस्क्यू ऑपरेशन है। घायलों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पीड़ितों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. हमने राज्य भर में ऐसे बावड़ियों और बोरवेलों के निरीक्षण का आदेश दिया है.
इंदौर के पुलिस आयुक्त (सीपी) मकरंद देवस्कर ने कहा, “मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या की सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया है.” इसके अलावा इंदौर नगर निगम (आईएमसी) ने मंदिर की बावड़ी पर अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी किया था. इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर, नगर निगम के दो अधिकारियों, भवन अधिकारी पीआर अरोलिया और भवन निरीक्षक प्रभात तिवारी को शुक्रवार को आईएमसी आयुक्त प्रतिभा पाल ने निलंबित कर दिया. (एएनआई-पीटीआई)