बीते 2 वर्षो में यूजीसी अभी तक लगभग 27 फर्जी उच्च शिक्षण संस्थानों की लिस्ट छात्रों के लिए जारी कर चुका है.फस्र्ट ईयर की दाखिला प्रक्रिया नजदीक आने के साथ ही देशभर के छात्रों को ऐसे शिक्षा संस्थानों के प्रति सचेत रहने को कहा गया है.
Fake institutes in india: 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं और अब छात्रों को कॉलेजों में दाखिले का इंतजार है. विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा देखने में आया है कि अपने मनपसंद कोर्स की चाह में कई छात्र गैर मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला ले लेते हैं. यूजीसी की मानें तो यह गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान पूरी तरह से अमान्य हैं. बीते 2 वर्षो में यूजीसी अभी तक लगभग 27 ऐसे उच्च शिक्षण संस्थानों की लिस्ट छात्रों के लिए जारी कर चुका है.फस्र्ट ईयर की दाखिला प्रक्रिया नजदीक आने के साथ ही देशभर के छात्रों को ऐसे शिक्षा संस्थानों के प्रति सचेत रहने को कहा गया है जिनकी डिग्री को आवश्यक मान्यता हासिल नहीं है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की मान्यता के बिना डिग्री प्रदान करने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों की डिग्री आगे की पढ़ाई या फिर नौकरी के लिए मान्य नहीं होगी.
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UGC ने कई गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों की लिस्ट जारी की है
यूजीसी पूर्व में देशभर के छात्रों को सचेत करने के लिए गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची जारी कर चुका है. जानकारी के मुताबिक यूजीसी जल्द ही ऐसे गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों की नई जारी करने जा रहा है.हाल ही में ऐसे 2 गैर मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थानों का पता चला है. यूजीसी द्वारा इनके संबंध में बाकायदा पब्लिक नोटिस जारी किया गया है. यूजीसी द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक ‘ओपन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फॉर ऑल्टरनेटिव मेडिसिंस’ और नेशनल बोर्ड ऑफ ऑल्टेरनेटिव मेडिसिंस’ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के एक्ट 1956 के खिलाफ कोर्स चला रहे हैं. ऐसे में देशभर के छात्रों से अपील की गई है कि वे इन संस्थानों में दाखिला न लें.
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ऐसे संस्थानों पर यूजीसी की कड़ी नजर
इससे पहले यूजीसी ने दिल्ली के एक उच्च शिक्षण संस्थान ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक एंड फिजिकल हेल्थ साइंस को लेकर भी एक ऐसा नोटिस जारी किया था. यूजीसी ने अपने नोटिस में छात्रों से स्वयंभू संस्थानों में दाखिला न लेने की सलाह दी है.यूजीसी का कहना है कि बिना मान्यता के कई संस्थान डिग्री पाठ्यक्रम तक भी संचालित कर रहे हैं. ऐसे में इस संस्थान द्वारा कोर्स पूरा होने के उपरांत छात्रों को दी जाने वाली डिग्री पूरी तरह से अमान्य है. साथ ही यह यूजीसी के नियमों के विरुद्ध भी है.
यूजीसी का कहना है कि यूजीसी देश भर में उन संस्थानों पर नजर रखने के साथ ही कार्रवाई करती है जो फर्जी तरीके से डिग्री कोर्स संचालित कर रहे है. गौरतलब है कि पूर्व में भी यूजीसी ने इस प्रकार के विषयों को संज्ञान में लिया है. बीते वर्ष ही यूजीसी ने लगभग 24 ऐसे उच्च शिक्षण संस्थानों की पहचान करते हुए उनके द्वारा दी जा रही डिग्री को अमान्य एवं फर्जी घोषित किया है. साथ ही इस विषय में देशभर के छात्रों को भी सूचित किया गया था. यूजीसी का कहना है कि गलत जानकारी देकर गुमराह करने वाले ऐसे शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने से बचना चाहिए.
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पाकिस्तानी की डिग्री भी भारत में मान्य नहीं
यूजीसी के मुताबिक छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने से पहले उसकी भलीभांति जांच कर लेनी चाहिए.छात्रों एवं अभिभावकों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि संबंधित शिक्षण संस्थान यूजीसी से मान्यता प्राप्त है या नहीं. इन शिक्षण संस्थानों की पहचान यूजीसी की बेवसाइट पर जाकर की जा सकती है.गौरतलब है कि हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी और भारत में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने वाले एआईसीटीई ने पाकिस्तान के शिक्षण संस्थानों को लेकर भी चेतावनी जारी की थी. भारतीय छात्रों के लिए जारी किए गए इस संयुक्त परामर्श में कहा गया था कि भारतीय छात्र पाकिस्तान के किसी भी कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश न लें. यूजीसी के मुताबिक पाकिस्तान से पढ़ कर आने वाले छात्र भारत में नौकरी व उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे.
यूजीसी और एआईसीटीई ने कहा कि भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए पाकिस्तान न जाएं. पाकिस्तान जाकर तकनीकी, शिक्षा उच्च शिक्षा या अन्य किसी भी प्रकार का कोर्स करने वाला भारतीय छात्र भारत में नौकरी अथवा आगे की पढ़ाई के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला नहीं ले सकेगा.