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Bank Account Pre-Validation: ITR Filing में आपके बैंक खाते का प्री-वैलिडेशन क्यों जरूरी होता है, जानिए- यहां

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Bank Account Pre-Validation Before ITR Filing: आयकर रिटर्न दाखिल (ITR File) करने से पहले बैंक खाते का पूर्व-सत्यापन जरूरी होता है. समय पर रिफंड सुनिश्चित करने, फाइलिंग प्रक्रिया को सरल बनाने और आयकर कानूनों का पालन न करने पर जुर्माने से बचने के लिए यह आवश्यक है.

Bank Account Pre-Validation: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने से पहले अपने बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट करना जरूरी होता है. इस प्रक्रिया में आपके बैंक खाते को आपके स्थायी खाता संख्या (PAN) से जोड़ना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि प्रदान किए गए सभी विवरण सही और अपडेटेड हैं.

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सबसे पहले, आपके बैंक खाते को पूर्व-सत्यापित (Pre-Validate) करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आयकर अधिनियम, 1961 के तहत अनिवार्य है. आयकर अधिनियम की धारा 139AA के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति जिसके पास पैन है, उसे अपने बैंक खाते से जोड़ना आवश्यक है. ऐसा करना इसलिए जरूरी है, क्योंकि यह आयकर विभाग को आपके देय किसी भी रिफंड या भुगतान को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम ट्रांसफर करने में सक्षम बनाता है. इसके अलावा, यह पहचान की चोरी और टैक्स चोरी जैसी गतिविधियों को रोकने में मदद करता है, क्योंकि सभी लेन-देन आपके बैंक खाते में वापस आ जाएंगे.

दूसरा यह कि अपने बैंक खाते को पूर्व-सत्यापित (Pre-Validate) करने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि आपको कोई भी रिफंड समय पर और बिना किसी परेशानी से मिल जाता है. यदि आप अपने बैंक खाते को पूर्व-सत्यापित (Pre-Validate) करने में विफल रहते हैं, तो आयकर विभाग आपको देय किसी भी रिफंड को ट्रांसफर कर पाएगा, और आपको समस्या को सुधारने के लिए एक मैन्युअल प्रक्रिया से गुजरना होगा. जिसका रिजल्ट यह होगा कि इसमें बेवजह की देरी होगी और आपके रिफंड को जब्त किया जा सकता है.

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तीसरा, आपके बैंक खाते का पूर्व-सत्यापन (Pre-Validation) इसलिए जरूरी है, क्योंकि यह आपके आयकर रिटर्न दाखिल (ITR Filing) करने की प्रक्रिया को आसान बना देता है. एक बार जब आपका बैंक खाता आपके पैन से लिंक हो जाता है, तो आप आधार-आधारित ओटीपी या नेट बैंकिंग का उपयोग करके अपने टैक्स रिटर्न को ई-सत्यापित कर सकते हैं. इससे फिजिकल वैलिडेशन की जरूरत नहीं होती है और आयकर रिटर्न दाखिल (ITR Filing) की पूरी प्रक्रिया आसान हो जाती है.

बता दें, बैंक खाते का पूर्व-सत्यापन (Pre-Validation) इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे आप पेनाल्टी से बच सकते हैं, जो आयकर कानूनों का पालन न करने पर लगाया जा सकता है. यदि आप अपने बैंक खाते को प्री-वैलिडेट नहीं कर पाते हैं, तो आयकर विभाग आयकर अधिनियम की धारा 272 बी के तहत 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है. यह जुर्माना तब भी लगाया जा सकता है, जब आपने समय पर अपने सभी टैक्स का पेमेंट किया हो, लेकिन अपने बैंक खाते को अपने पैन से नहीं लिंक कर पाए हों.

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गौरतलब है कि अपने बैंक खाते को पूर्व-सत्यापित (Pre-Validate) करना जरूरी है और यह काम आयकर रिटर्न दाखिल (ITR File) करने से पहले पूरा करना होता है. समय पर रिफंड सुनिश्चित करने, फाइलिंग प्रक्रिया को सरल बनाने और आयकर कानूनों का पालन न करने पर जुर्माने से बचने के लिए यह आवश्यक है. इसलिए, किसी भी अनावश्यक झंझट या देरी से बचने के लिए जल्द से जल्द अपने बैंक खाते को प्री-वैलिडेट करने का ध्यान रखना चाहिए.

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