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दिमाग में छेद करके सिम कार्ड लगाएंगे Elon Musk ! सरकार ने अप्रूव किया प्रोजेक्ट

elon musk

Brain Chip by Elon Musk: Elon Musk जिस भी फील्ड में कदम रख देते हैं वहां पर झंडे गाड़ के ही आते हैं फिर चाहे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हो या फिर विश्व की सबसे पॉपुलर इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी हो. मस्त को अपनी मेहनत के दम पर हर मुकाम मिल जाता है और इस बार उन्होंने मानव जाति की भलाई के लिए एक ऐसा प्रोजेक्ट तैयार किया है जो किसी को भी हैरान कर देगा लेकिन इससे लाखों लोगों की जिंदगी बदल जाएगी. आपको बता दें कि मास्क एक ऐसा प्रोजेक्ट शुरू कर रहे हैं जिसमें इंसानी दिमाग में चिप लगाई जाएगी और इस चिप की मदद से इंसानों को नई ताकत दी जाएगी जो उनकी जिंदगी बदलने में मददगार साबित होगी. यह चेक ऐसे लोगों के दिमाग में लगाई जाएगी जो किसी तरह से अक्षम है और उन्हें अपनी रोजमर्रा की जिंदगी जीने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसे लोगों के लिए मस्क न्यूरा लिंक प्रोजेक्ट लेकर आए हैं जो विज्ञान और तकनीक को एक अलग ही लेवल पर ले जाएगा. अगर मस्क को इस प्रोजेक्ट में सफलता मिलती है तो मान कर चलिए कि आने वाले समय में यह तकनीक सिर्फ एक देश में नहीं बल्कि दुनिया भर में लोगों की जिंदगियां बदलने में इस्तेमाल की जा सकती है.

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मस्क की ब्रेन-चिप फर्म Nueralink का कहना है कि उसे मनुष्यों पर अपना पहला परीक्षण करने के लिए यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से मंजूरी मिल गई है. न्यूरालिंक इम्प्लांट कंपनी दिमाग को कंप्यूटर से जोड़कर लोगों की दृष्टि और गतिशीलता बहाल करने में मदद करना चाहती है. ये तकनीक लोगों की जिंदगी बदल देगी जिसमें दिमाग में सिम कार्ड जैसी एक चिप को लगाया जाएगा. 

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न्यूरालिंक क्या है?

न्यूरालिंक पैरालिसिस और अंधापन जैसी स्थितियों के इलाज के लिए और कुछ विकलांग लोगों को कंप्यूटर और मोबाइल तकनीक का उपयोग करने में मदद करने के लिए अपने माइक्रोचिप्स का उपयोग करती है. इससे इन बीमारियों से जूझ रहे लोगों की जिंदगी वापस ट्रैक पर आ सकती है. चिप्स – जिनका बंदरों में परीक्षण किया गया है – को मस्तिष्क में उत्पन्न संकेतों को डिस्क्राइब करने और ब्लूटूथ के माध्यम से उपकरणों को सूचना रिले करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

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विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि न्यूरालिंक के मस्तिष्क प्रत्यारोपण को व्यापक रूप से उपलब्ध होने पर तकनीकी और नैतिक चुनौतियों से निपटने के लिए व्यापक परीक्षण की आवश्यकता होगी. मस्क ने पहले भी सुझाव दिया था कि प्रस्तावित तकनीक एआई द्वारा मनुष्यों के विस्थापित होने के बारे में चिंताओं को कम करने में मदद कर सकती है. फर्म ने परीक्षण प्रतिभागियों को साइन अप करने की योजना पर “जल्द ही” और अधिक जानकारी देने का वादा किया है. आपको बता दें कि मानव परीक्षणों के लिए एफडीए की मंजूरी पर इसकी घोषणा स्विस शोधकर्ताओं द्वारा मस्तिष्क प्रत्यारोपण से जुड़ी एक ऐसी ही सफलता की हालिया खबर के बाद आई है.

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