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Stock Market में निवेश का बना रहे हैं प्लान, ब्रोकर छुपा ले जाते हैं आपस से ये जरूरी बातें

Investment In Stock Market आज के समय में हर कोई स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते हैं। लेकिन जोखिम के डर से निवेश नहीं करते हैं. आइए जानते हैं कि स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले हमें किन प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए।

 नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Share Market: भारतीय शेयर बाजार दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वालों बाजारों में से एक है। शेयर बाजार में निवेशकों को अवसर और जाखिम दोनों का सामना करना पड़ता है। यहां निवेश के कई ऑप्शन की पेशकश की जाती है। भारतीय शेयर बाजार में मध्यम वर्ग और बढ़ती निवेशक जागरूकता के साथ ही दीर्घकालिक विकास की भी क्षमता है।

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हालांकि, यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि शेयर बाजार स्वाभाविक रूप से अस्थिर है। इसमें उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। ऐसे में निवेशकों को धैर्य रखना बहुत जरूरी होता है। शयेर बाजार के कई पहलू हैं जिन पर कोई विशेषज्ञ ही सलाह दे सकता है। एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद आप आप भारतीय शेयर बाजार के कई जोखिम से बच सकते हैं। कई बार स्टॉक ब्रोकर निवेशकों को हर नियम और शर्तें के बारे में नहीं बताते हैं, ऐसे में आपको निवेश करने से पहले बाजार और उन शेयरों की पूरी समझ होना बेहद जरूरी है।

आइए हम आपको शेयर बाजार के संबंध में कुछ प्रमुख बाकें बताती हूं, जिसके बारे में आपका ब्रोकर आसानी से साझा नहीं करते हैं:

  • ब्रोकर के पास कुछ शेयरों या निवेश उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए इनेसेंटिव मिलते हैं, जैसे कमीशन या बोनस आदि। ऐसे में हो सकता है कि वो हमेशा आपके इंटरेस्ट को प्राथमिकता न दें।
  • ब्रोकर को सभी तरह की फीस या चार्जिस की जनकारी देना जरूरी होता है। लेकन कई बार लेन-देन या निवेश उत्पादों से जुड़ी अतिरिक्त छिपी हुई लागतें हो सकती हैं। ये शुल्क समय के साथ आपके रिटर्न को भी कम कर सकता है, ऐसे में आपको इस तरह के चार्जिस या फीस की जानकारी रखनी चाहिए।
  • ब्रोकर अक्सर लोकप्रिय शेयरों पर रिसर्च रिपोर्ट देते हैं। लेकिन वे छोटी कंपनियों या उभरते उद्योगों के शेयरों के बारे में नहीं बताते हैं। ऐसे में आपको खुद रिसर्च करने या अतिरिक्त संसाधनों की तलाश करने की आवश्यकता होती है।
  • शेयर बाजार में उतार चढ़ाव आते रहते हैं। जो कि इंवेस्टर के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है। ब्रोकर इस पर पर्याप्त जोर नहीं दे सकते हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव के आधार पर स्टॉक खरीदने या बेचने की कोशिश में इसका परिणाम खराब हो सकते हैं। जो कि आपके दीर्घकालिक रणनीतियाँ को भी प्रभावित करते हैं।
  • बाजर में बार-बार ट्रेडिंग पर आपको ब्रोकर को कमीशन देना होता है। यह आपके हित में नहीं हो सकता है। कई बार ब्रोकर आपके शेयर पर लगने वाले टैक्स की भी जानकारी नहीं देता है। ऐसे में आपको ये नहीं पता चल पाएगा कि आपको कितना नुकासान और कितना मुनाफा हुआ और ये आपको रिटर्न को भी प्रभावित करेगा।
  • ब्रोकर मुख्य रूप से स्टॉक और बॉन्ड पर ध्यान देता हैं। लेकिन वे रियल एस्टेट, कमोडिटीज या क्रिप्टोकरेंसी जैसे वैकल्पिक इंवेस्टमेंट पर व्यापक मार्गदर्शन नहीं दे सकते हैं। इसलिए आपको इन विकल्पों के बारे में बी पूरी जानकारी रखनी चाहिए।
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ब्रोकर के जरिये आपको बाजार के कई महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में पता चलता है। लेकिन आपको हमेशा सूचित रहना जरूरी है साथ ही अपने निवेश निर्णयों में भी सक्रिय रहना चाहिए। इसके लिए स्वतंत्र शोध करना, अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना और इसमें शामिल जोखिमों को समझना आपको शेयर बाजार में बेहतर विकल्प को चुनने के लिए सशक्त करेगा।

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