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हेल्थ

आखिर तंबाकू में ऐसा क्या होता है, जिसकी वजह से यह कैंसर का सबसे बड़ा कारण माना जाता है

आज वर्ल्ड नो टोबैको डे है. तंबाकू के कितने नुकसान हैं यह तो हम सभी जानते हैं. इसके बावजूद हम में से बहुत से लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. आइए जानते हैं तंबाकू में कितने केमिकल होते हैं, जो कैंसर का कारण माने जाते हैं.

आज ‘वर्ल्ड नो टोबैको डे’ है. इस दिन तंबाकू के नुकसान पर खूब बातचीत होती है. लेकिन इसके बाद हम सब इस दिन कही गई बातों को भूल जाते हैं. जो लोग धूम्रपान करते हैं, वह फिर से करने लगते हैं. जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, वह फिर से खाने लगते हैं. साल में एक दिन नो टोबैको डे मनाकर हम खुश तो हो सकते हैं, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होता. जरूरी है कि हम तंबाकू से दूरी बनाएं. क्योंकि तंबाकू को कैंसर जैसी खातक बीमारी का सबसे बड़ा कारण माना जाता है. ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि आखिर तंबाकू में ऐसा क्या होता है, जिसकी वजह से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. चलिए जानते हैं.

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तंबाकू का पौंधा और उसके उपयोग

अगर आपको पता हो कि तंबाकू के सेवन से घातक बीमारियां हो सकती हैं तो संभव है कि आप इसका सेवन न करें. हालांकि, इसके तमाम बुराइयों और खतरों को जानते हुए लाखों-करोड़ों लोग तंबाकू का सेवन किसी न किसी रूप में करते ही हैं. लंबे समय तक तंबाकू का सेवन करने से खतरा कई गुना बढ़ जाता है. दरअसल तंबाकू एक पौंधा है, जिसकी पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है. इसे धूम्रपान के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और चबाकर भी सेवन किया जाता है. यहां तक कि सूंघकर भी तंबाकू का सेवन किया जाता है.

तंबाकू में कौन से केमिकल होते हैं?

तंबाकू में हजारों केमिकल होते हैं, जिनमें से कुछ कैंसर का कारण बनते हैं. तंबाकू के धुंए में 7 हाजर से ज्यादा केमिकल पाए जाते हैं. इन 7 हजार में से कम से कम 70 केमिकल कैंसर के कारण बनते हैं. इसके अलावा तंबाकू में निकोटीन नामक केमिकल होता है, जिसकी वजह से इसकी आदत लग जाती है और लोग चाहकर भी इसे छोड़ नहीं पाते. निकोटीन एटिक्टिव सब्सटांस है और जो लोग तंबाकू का सेवन छोड़ना चाहते हैं, वह भी कई बार इसकी तलब के आगे हार मान लेते हैं.

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स्मोकलेस तंबाकू भी है घातक

जिस तंबाकू को जलाया नहीं जाता है, उसे स्मोकलेस टोबाको कहा जाता है. जिस तंबाकू का सेवन धूम्रपान की बजाय सीधे चबाने के लिए किया जाता है यह वही स्मोकलेस तंबाकू है. इसमें गुटखा, चूने के साथ घिसने वाला तंबाकू या गीला तंबाकू भी शामिल हैं. इस तरह के स्मोकलेस तंबाकू में कम से कम 30 तरह के ऐसे केमिकल होते हैं, जो कैसर का कारण बन सकते हैं.

तंबाकू की दिल और रक्त वाहिकाओं से जुड़ी समस्याएं

  • दिमाग की रक्त वाहिकाओं में ब्लड क्लॉट जमना या उनका कमजोर होना, जिसकी वजह से स्ट्रोक हो सकता है.
  • पैरों में ब्लड क्लॉट बनना, जो आपके फेफड़ों तक पहुंच सकता है.
  • दिल से जुड़ी बीमारियां (Coronary Artery Disease) इलमें एंजिना और हार्ट अटैक भी शामिल हैं.
  • धूम्रपान के बाद कुछ समय के लिए ब्लड प्रेशर बढ़ना.
  • पैरों तक ब्लड सप्लाई होने में दिक्कत आना.
  • पुरुष जननांग (Penis) तक ब्लड सप्लाई कम होने से इरेक्शन (Erectile Dysfunction) में समस्या

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तंबाकू के कारण होने वाली अन्य स्वास्थ्य समस्याएं

  • कई तरह के कैंसर जैसे फेफड़ों का, मुंह का, नाक का, गले का, पेट का, किडनी का, सर्विक्स का, कोलन कैंसर होना.
  • सर्जरी के बाद घाव भरने में अधिक समय लगना.
  • फेफड़ों से जुड़ी समस्या, जैसे COPD या अस्थमा होना, जिसे कंट्रोल करना मुश्किल हो.
  • प्रिगनेंसी में समस्या जैसे जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना, प्रीमिच्योर बर्थ, गर्भपात होना और कटे होंट (क्लेफ्ट लिप) की समस्या होना.
  • टेस्ट और स्मेल न आना.
  • स्पर्म काउंट कम होना, इससे व्यक्ति बांझ हो सकता है.
  • मैक्यूलर डिजेनरेशन की वजह से आंखों की रोशनी खोना.
  • दांतों और मसूड़ों से जुड़ी बीमारी.
  • स्किन पर रिंकल्स आना.

स्मोकलेस तंबाकू के नुकसान

बहुत से लोग ऐसे हैं जो धूम्रपान छोड़कर स्मोकलेस तंबाकू का सेवन करने लगे हैं. लेकिन इसके भी कई तरह के नुकसान हैं. चलिए जानते हैं.

  • मुंह, जीभ, इसोफेगस (भोजन नली) और पैंक्रियाज का कैंसर
  • मसूड़ों से जुड़ी समस्या, दांतों में समस्या और कीड़ा लगना
  • हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ा और एंजीना

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सेकंडहैंड स्मोक के खतरे

अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं, लेकिन ऐसे लोगों के बीच रहते हैं तो भी आपको तंबाकू से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं. उनमें से कुछ का हम यहां जिक्र कर रहे हैं.

  • हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी अन्य बीमारियां
  • फेफड़ों का कैंसर
  • अचानक और गंभीर रिएक्शन. इसमें आंख, नाक, गले और सांसों से जुड़ी समस्या हो सकती है.

इनके अलावा छोटे बच्चे भी सेकेंडहैंड स्मोक के खतरे में रहते हैं. ऐसे बच्चों को अस्थमा हो सकता है. उनके मुंह, गले, साइनस, कान और फेफड़ों में इंफेक्शन हो सकता है. सेकेंडहैंड स्मोक की वजह से उनके फेफड़े खराब हो सकते हैं और सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम हो सकता है, जिसमें बच्चे की मौत हो सकती है.

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कैसे छोड़ें तंबाकू का सेवन

तमाम तरह के नशे की तरह तंबाकू का सेवन छोड़ना भी आसान नहीं होता. लेकिन कहते हैं न… जहां चाह होती है, वहीं राह भी होती है… यहां हम आपको कुछ उपाय भी बता रहे हैं.

  • तंबाकू का सेवन छोड़ने के लिए अपने परिवार, दोस्तों और ऑफिस के साथियों की मदद लें.
  • अपने डॉक्टर से बात करें और निकोटीन रिप्लेसमेंस थेरेपी और धूम्रपान छुड़ाने वाली दवाओं के बारे में पूछें
  • धूम्रपान छुड़ाने वाले कार्यक्रमों का हिस्सा बनें. ऐसे कार्यक्रम अस्पतालों, हेल्थ डिपार्टमेंट, कम्यूनिटी सेंटर और वर्क साइट्स पर चलते रहते हैं.
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