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बैंकिंग सिस्टम में सुधार का सही समय, ग्राहक सर्विस के साथ डेटा प्राइवेसी पर फोकस की जरूरत: RBI डिप्टी गवर्नर

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RBI के डिप्टी गवर्नर का कहना है कि भारत का बैंकिंग सेक्टर मौजूदा समय में मजबूत है। बैंकिंग सेक्टर में मौजूद गवर्नेंस फ्रेमवर्क एश्योरेंस फंक्शन और स्ट्रेटजी को ठीक किया जाना चाहिए जिससे कि भविष्य बेहतर हो। (जागरण फाइल फोटो)

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। RBI के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत के बैंकिंग सेक्टर में गवर्नेंस फ्रेमवर्क और एश्योरेंस फंक्शन में गैप को भरना जरूरी है।

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित की गई बैंकों के डायरेक्टर्स की कॉन्फ्रेंस में जोर देते हुए कहा कि वित्तीय संस्थानों को बेहतर भविष्य के लक्ष्य को पाने के लिए काफी अधिक फाइनेंशियल रिसोर्स की आवश्यकता होगी।

भारत का बैंकिंग सेक्टर मजबूत

आगे उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर मौजूदा समय में मजबूत, लचीला और वित्तीय रूप से स्वस्थ है। शायद यह सही समय है कि बैंकिंग सेक्टर में मौजूद गवर्नेंस फ्रेमवर्क, एश्योरेंस फंक्शन और स्ट्रेटजी को ठीक किया जाए, जिससे कि भविष्य बेहतर हो।

किन क्षेत्रों पर बैंकों को ध्यान देना होगा?

उनकी ओर से कहा गया कि हमने कई बार महसूस किया है कि बोर्ड बैठक में कुछ विषयों को उतना महत्व नहीं मिल पाता है, जितना मिलना चाहिए। ग्राहक सर्विस, ग्राहक आचरण, कर्मचारियों के अचारण, डाटा प्राइवेसी और साइबर सिक्योरिटी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों महत्व देना चाहिए।

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आगे कहा कि अच्छी और सर्वश्रेष्ठ प्रेक्टिस बैंकिंग सेक्टर में एक अच्छा वित्तीय संस्थान खड़ा करने में बहुत बड़ा फैक्टर साबित होती है।

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बैंकों की स्थिति क्यों मजबूत?

मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 के बीच आरबीआई की ओर से रेपो रेट को 2.50 प्रतिशत बढ़ाया गया था। इस कारण रेपो रेट 4 प्रतिशत से बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो गया है। इससे बैंकों की आय में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। साथ ही लोन ग्रोथ भी कई साल के उच्चतम स्तर पर होने के कारण बैंकों की स्थिति आज के समय में मजबूत बनी हुई है। आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 6 जून से शुरू होनी है, जिसमें ब्याज दरों के लेकर फैसला होगा।

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