Wrestlers protest: बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को हटाने की मुहिम चला रहे पहलवानों के मुद्दे का हश्र केंद्र सरकार किसान आंदोलन जैसा नहीं होने देना चाहती है. इसलिए पहलवानों के साथ नए सिरे से बातचीत शुरू की गई है.
केंद्र सरकार ने संकेत दे दिया है कि वो पहलवानों के मुद्दे को किसान आंदोलन की तरह ऐसे हालात में नहीं पहुंचाना चाहती, जहां वो हाथ से निकल जाए और विपक्षी दल इसका फायदा उठाना शुरू कर दें. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के घर प्रदर्शनकारी पहलवानों की बुधवार को हो रही बैठक इसी का संकेत माना जा रहा है.इस बैठक में विनेश फोगाट, साक्षी मलिक औऱ बजरंग पुनिया जैसे पहलवान शामिल हैं.
ये भी पढ़ें– कनाडा से निकाले जाएंगे करीब 700 भारतीय छात्र, फर्जी ऑफर लेटर से एडमिशन का आरोप, पंजाब ने केंद्र से मांगी मदद
अनुराग ठाकुर ने दिया था न्योता
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी पहलवानों को बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया था. इससे पहले प्रदर्शनकारी पहलवान गृह मंत्री अमित शाह से भी मिल चुके हैं. पीएम नरेंद्र मोदी को इसी महीने अमेरिका जाना है। सूत्रों के अनुसार सरकार चाहती है कि इससे पहले पहलवानों का विवाद खत्म हो जाए.इससे पहले जनवरी में भी खेल मंत्री से पहलवानों की बातचीत हो चुकी है. सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारी पहलवान जल्दी ही सरकार से बातचीत शुरू करेंगे.
विवाद लंबा खिंचने से नुकसान
सूत्रों के अनुसार बीजेपी को भी लगता है कि विवाद लंबा खिंचने से नुक़सान हो रहा है. किसान आंदोलन की तरह इस विवाद से बीजेपी को जाट वोटों की नाराज़गी का डर भी सता रहा है. उसे लगता है कि ये सन्देश फैलाया जा रहा है कि बीजेपी अपने सांसद का बचाव कर रही है। जबकि पार्टी इस मसले पर किसी पक्ष में दिखना नही चाहती। पुलिस और कोर्ट ही इस बारे में जो उचित हो, वो कार्रवाई करे. इस विवाद में खापों के कूदने से भी पार्टी की परेशानी बढ़ गई है। किसान आंदोलन की कड़वी यादें ताज़ा हो गईं.
ये भी पढ़ें– गृहमंत्री का काम संविधान की रक्षा करना है, लेकिन अमित शाह सरकार गिराने की बात करते हैं, इस्तीफा दें: ममता बनर्जी
पहलवानों को घसीटे जाने की तस्वीरें आईं
माना जा रहा है कि 28 मई को जिस तरह पहलवानों को घसीटे जाने की तस्वीरें आईं, उससे नुक़सान हुआ, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन तस्वीरों का व्यापक प्रचार प्रसार हुआ। जिससे भारत की छवि को धक्का लगा है. विवाद की वजह से महिला विरोधी करार देने की विपक्षी दलों की कोशिश जारी है। उससे भी पार पाने के लिए इस विवाद का जल्द हल निकालना जरूरी हो गया है.
बीजेपी की दो महिला सांसदों ने सार्वजनिक बयान भी दिए हैं पहलवानों के पक्ष में, इसीलिये सरकार चाहती है कि जल्द हो इसका समाधान. इस बीच ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे आरोपों पर दिल्ली पुलिस की जांच भी अंतिम चरण में है. पुलिस जल्द अपना स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को देने वाली है.
ये भी पढ़ें–Biparjoy: खतरनाक रूप लेने वाला है ‘बिपरजॉय’, अगले 24 घंटे में दिखाना शुरू करेगा असर!
राकेश टिकैत ने बोला हमला
भारतीय किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर अंदेशा जताया है.टिकैत ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, नौकरी पर जाना कोई अपराध नहीं , उन्होंने कहा है हम मूवमेंट से पीछे नहीं है. हो सकता है वो एक जगह धरने पर न बैठें, हो सकता है उनकी पोस्टिंग यहां से कही दूसरी जगह कर दें. ऐसी जगह ड्यूटी लगा दें की 24 घंटे ड्यूटी पर रहेंगे, नही रहेंगे तो गैरहाजिर रहेंगे तो उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही कार्यवाही हो सकती है. सरकार प्रेशर बनाने के सारे काम करेगी लेकिन उन्होंने फिर भी कहा है की हम पीछे नहीं है.बेटियां सबकी बेटियां है तिरंगे की बेटियां हैं.