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Counter Terrorism Dialogue: ‘आतंक की फैक्ट्री’ पाकिस्तान का नया नाटक! चीन संग मिल टेररिज्म रोकने के लिए बनाया ये प्लान

Anti Terrorism Dialogue: पाकिस्तान (Pakistan) खुद तो आतंक की फैक्ट्री है. पूरी दुनिया में कोई भी आतंकी घटना होती है तो उसके पीछे कहीं ना कहीं पाकिस्तानियों का ही हाथ होता है. और उसने चीन-ईरान के साथ मिलकर काउंटर टेररिज्म डायलॉग (Counter Terrorism Dialogue) किया.

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PAK-China Counter Terrorism Dialogue: पाकिस्तान (Pakistan), चीन (China) और ईरान (Iran) ने बीजिंग में अपना पहला काउंटर टेररिज्म डायलॉग (Counter Terrorism Dialogue) आयोजित किया. इस वार्ता से संकेत मिला है कि इलाके में नया गठबंधन बन सकता है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने भी इसकी पुष्टि की है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान जारी करके कहा कि चीन में डीजी लेवल पर टेररिज्म और सिक्योरिटी पर पाकिस्तान-चीन-ईरान त्रिपक्षीय वार्ता होने की पहली बैठक होने की पुष्टि की. अब्दुल हमीद, डीजी (आतंकवाद-विरोधी), पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय, चीन के विदेश मंत्रालय के विदेश सुरक्षा मामलों के डिपार्टमेंट के डीजी बाई टियान और सैयद रसूल मोसावी, विदेश मंत्री के सहायक और दक्षिण एशिया के डीजी, विदेश मंत्रालय ईरान ने अपने-अपने डेलीगेट्स का नेतृत्व किया.

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टेररिज्म पर पाकिस्तान-चीन का डायलॉग

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि डेलीगेट्स ने क्षेत्रीय सुरक्षा हालात स्थिति, खासतौर से क्षेत्र द्वारा सामना किए जा रहे टेररिज्म के खतरे पर विस्तार से चर्चा की. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यक्रम में आतंकवाद और सुरक्षा पर त्रिपक्षीय वार्ता को संस्थागत करने का फैसला किया गया.

चीन ने कही बड़ी बात

चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक अन्य बयान में ये भी कहा गया है कि पाकिस्तान, ईरान और चीन तीनों देशों ने क्षेत्रीय आतंकवाद-विरोधी हालात पर गहराई से विचार किया और नियमित आधार पर बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया.

क्या ईरान-सऊदी आएंगे पास?

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गौरतलब है कि हाल ही में चीन ने सऊदी अरब और ईरान के बीच एक ऐतिहासिक समझौता किया है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, ईरान और सऊदी अरब के बीच मेल-मिलाप ने दोनों देशों के बीच डिप्लोमेटिक रिलेशन्स की बहाली को बढ़ावा दिया. कई ऑब्जर्वर्स का मानना है कि पाकिस्तान, चीन, ईरान, सऊदी अरब और रूस स्वाभाविक साथी हैं क्योंकि बाईपोलर वर्ल्ड में उनके हित तेजी से बदल रहे हैं.

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