बिहार सरकार के स्वास्थ्य निदेशक प्रमुख राकेश चन्द्र सहाय वर्मा ने तबादला सूची जारी की, वहीं सतीश रंजन सिन्हा (विभागीय अपर मुख्य सचिव के ओएसडी) ने तबादला रद्द कर दिया. इसके पीछ दलील दी गई कि नियम के मुताबिक ट्रांसफर नहीं किया गया.
Bihar Health Workers Transfers Case: बिहार की महागठबंधन सरकार में इन दिनों सबकुछ सामान्य नजर नहीं आ रहा है. कई मामलों में सत्ताधारी दलों में मतभेद देखने को मिल रहा है. ताजा मामला स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों को लेकर सामने आया है. सरकार की ओर से शाम को तबादले का नोटिफिकेशन जारी हुआ और सुबह होते ही इस सूची को रद्द कर दिया गया. तबादलों को वापस लेने से सियासी पारा चढ़ गया है. अब इस मामले में नीतीश सरकार की किरकिरी हो रही है.
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दरअसल, स्वास्थ्य निदेशक प्रमुख राकेश चन्द्र सहाय वर्मा ने तबादला सूची जारी की, वहीं सतीश रंजन सिन्हा (विभागीय अपर मुख्य सचिव के ओएसडी) ने तबादला रद्द कर दिया. इसके पीछ दलील दी गई कि नियम के मुताबिक ट्रांसफर नहीं किया गया. वहीं राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बीच रिश्ते तल्ख हो चुके हैं. कहा जा रहा है कि उनकी जानकारी दिए बिना ही तबादले किए गए थे, जिससे खफा होकर उन्होंने इस फैसले को निरस्त कर दिया. बता दें कि स्वास्थ्य विभाग तेजस्वी यादव के पास ही है.
तबादलों को रद्द करते हुए सतीश रंजन सिन्हा ने कहा कि स्वास्थ्य निदेशालय के द्वारा दो दिन पूर्व करीब नौ संवर्ग के कर्मियों का ट्रांसफर किया गया था, जिसमें कई तरह की त्रुटियां उजागर हुई हैं. त्रुटियों की खबर मिलने पर अपर सचिव के स्तर से तबादले के तमाम आदेशों/पत्रों को रद्द कर दिया गया है. खबर मिली है कि कई कर्मियों को उनके गृह जिला में ही ट्रांसफर कर दिया गया था. क्षेत्राधिकार के अतिक्रमण का भी मामले सामने आया था.
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इस पूरे मामले में विपक्ष के नेताओं ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के विभाग में ही गड़बड़ी हो रही है, तो दूसरे विभागों का क्या हाल होगा. बीजेपी सहित तमाम विरोधी दलों ने सवाल किया है कि क्या तेजस्वी यादव से तबादले को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी, जो उनके विभाग के अधिकारी खुद में ही पॉवर पालिटिक्स कर रहे हैं.