Non-Alcoholic Fatty Liver Disease: लिवर हमारे शरीर की फैक्टरी है. इस फैक्टरी पर जब आफत आएगी तो पूरा सिस्टम बिगड़ जाएगा. लेकिन लिवर की एक बीमारी है नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज जो बिना शराब पीए ही व्यक्ति के लिवर को खोखला करने लगती है.
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Symptoms of Non Alcoholic Fatty Liver Disease: लिवर हमारे शरीर के अंदरुनी अंगों का सबसे बड़ा ठोस हिस्सा है. लिवर हमारे शरीर की फैक्टरी है. लिवर हमारे शरीर को सुचारु रूप से चलाने के लिए 500 से अधिक कामों का ठिकाना मुहैया कराता है. लिवर ही भोजन में जाने वाले सभी तरह के टॉक्सिन को निकालकर बाहर फेकता है. इस तरह लिवर हमारे शरीर का बेहद महत्वपूर्ण अंग है. हालांकि लिवर ऐसा अंग है जो अपनी खराबी की मरम्मत खुद ही कर लेता है लेकिन जब इस पर ज्यादा दबाव पड़ता है तो इसमें भी कई बीमारियां होने लगती है. नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (non-alcoholic fatty liver disease-NAFLD) बेहद खतरनाक बीमारी है जिसके कारण हेपटाइटिस और लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है.
यह बीमारी बिना शराब पीए ही हो जाती है. यह बीमारी चुपके से शरीर में घुसती है. शुरुआत में अगर इसपर ध्यान नहीं दिया जाए तो धीरे-धीरे यह लिवर को खरोंच कर खोखला करने लगती है. इसलिए शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण
1. थकान-मायोक्लिनिक के मुताबिक अगर नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) हो तो पूरे शरीर में हमेशा थकान और कमजोरी रहती है.
2. पेट में भारीपन-टीओआई की खबर के मुताबिक जब नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज होता है तो पेट में बहुत भारीपन महसूस होता है. इसमें स्टूल पास होने में बहुत दिक्कत होती है. यानी डाइजेशन सही से नहीं होता है और बहुत बेचैनी भी रहती है. कुछ अन्य लक्षणों के साथ यदि पेट में भारीपन महसूस हो तो यह NAFLD के लक्षण हो सकते हैं.
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3. पेट के उपरी हिस्से में दर्द-NAFLD होने पर पेट के उपरी हिस्से में दर्द होने लगता है जो आसानी से नहीं जाता. इसमें मामूली दवा भी बेअसर होने लगती है. इसलिए इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए.
4. पेट में ब्लॉटिंग – वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी के मुताबिक सिरोसिस के जितने मामले आते हैं, उनमें 80 प्रतिशत को ब्लॉटिंग की शिकायत रहती है. जब एब्डोमिनल केविटी में फ्लूड जमा होने लगता है तब ब्लॉटिंग होती है. अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए तो इससे इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है.
5. अपच-एक अध्ययन के मुताबिक नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज में पेट में गैस बनना, पाचन सही से नहीं होना, हर्टबर्न और डकार जैसी समस्याएं आम हो जाती है. जब भोजन नहीं पचता है तो इसमें गैस्ट्रिक जूस मिल जाता है और पेट के उपर की ओर आने लगता है. ऐसे में लगता है कि भोजन वापस में मुंह में आ रहा है.
6. हथेलियों का लाल हो जाना-नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज होने पर हमेशा हथेलियां लाल होने लगती है.