नई दिल्ली: देश में यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) का आंकड़ा हर महीने बढ़ता जा रहा है। देश में 95.7 परसेंट यूपीआई ट्रांजैक्शन फोनपे (PhonePe), गूगल पे (Google Pay) और पेटीएम (Paytm) जैसे थर्ड पार्टी ऐप्स के जरिए हो रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में यूपीआई पेमेंट में फोनपे की हिस्सेदारी करीब 50 परसेंट पहुंच गई है। इस दौरान पेटीएम ने लंबी छलांग लगाई है जबकि गूगल पे की हिस्सेदारी में काफी गिरावट देखने को मिली है। वेल्यू के हिसाब से देखें तो इस साल जून में फोनपे की 49.8 फीसदी, पेटीएम की 33 फीसदी और गूगल पे की 10.9 परसेंट हिस्सेदारी है। एक साल पहले फोनपे की 48.8 परसेंट, पेटीएम की 9.9 परसेंट और गूगल पे की 34.6 परसेंट हिस्सेदारी थी।
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एनपीसीआई ने इंडिविजुअल थर्ड पार्टी के लिए मार्केट शेयर में 30 परसेंट का कैप लगाया है। यह नियम 15 महीने बाद लागू होगा। वॉलमार्ट (Walmart) के मालिकाना हक वाली कंपनी फोनपे की जून, 2023 में वॉल्यूम के हिसाब से हिस्सेदारी 47.2 परसेंट हो गई है जो पिछले साल जून में 45.8 परसेंट थी। यूपीआई ट्रांजैक्शन से बैंकों को कोई कमाई नहीं हो रही है, इसलिए बैंकों ने इसे थर्ड पार्टी ऐप्स के हवाले कर दिया है। जहां तक बैंकों की बात है तो यूपीआई ट्रांजैक्शंस में यस बैंक की सबसे ज्यादा 0.7 परसेंट हिस्सेदारी है। माना जा रहा था कि वॉट्सऐप की एंट्री से यूपीआई में मुकाबला बढ़ सकता है लेकिन यह मेसेजिंग ऐप अब तक कोई खास नहीं कर पाया है।
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तीन ऐप्स का दबदबा
Worldline’s India की डिजिटल पेमेंट रिपोर्ट के मुताबिक ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में फोनपे, गूगल पे और पेटीएम की 95.7 परसेंट हिस्सेदारी है जो पिछले साल जून में 94.6 परसेंट थी। ट्रांजैक्शन वैल्यू के हिसाब से देखें तो जून, 2023 में इन तीनों ऐप्स की हिस्सेदारी 93.7 परसेंट पहुंच गई जो पिछले साल जून में 93.4 परसेंट थी। फोनपे को बाकी ऐप्स के मुकाबले जल्दी यूपीआई स्पेस में उतरने का फायदा मिला है।
