चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, रिलायंस से जुड़ी कंपनी क्विक सप्लाई चेन ने भाजपा को 365 करोड़ रुपये दिए और शिवसेना को 25 करोड़ दिए.
ये भी पढ़ें:- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस फैसले से टैक्सपेयर्स को मिलेगी राहत, मार्च के आखिरी 3 दिनों में होगा कामकाज; नहीं रहेगी छुट्टी
रिलायंस इंडस्ट्रीज से संबंधित और नवी मुंबई के धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (DAKC) में रजिस्टर्ड पते वाली क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने सत्ताधारी पार्टी BJP को चुनावी बॉन्ड के जरिये 395 करोड़ रुपये और शिवसेना को 25 करोड़ रुपये दिए हैं.
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर गुरुवार को डाले गए चुनावी बॉन्ड संबंधी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है.
चुनावी बॉन्ड का इस्तेमाल करने वाले राजनीतिक दलों को चंदा देने के मामले में क्विक सप्लाई चेन तीसरे स्थान पर है. इसने 2021-22 और 2023-24 के बीच 410 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे और 25 करोड़ रुपये को छोड़कर बाकी सभी बॉन्ड BJP को दे दिए. इसने 2022 में शिवसेना को 25 करोड़ रुपये की रकम दी.
आंकड़ों से पता चलता है कि गोदामों और भंडारण इकाइयों के मैन्युफैक्चरर के रूप में चिह्नित क्विक सप्लाई ने BJP और शिवसेना को छोड़कर किसी अन्य राजनीतिक दल को चंदा नहीं दिया.
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज 1,368 करोड़ रुपये और हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रा 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड के साथ क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर हैं.
रिलायंस से संबंधित एक अन्य कंपनी हनीवेल प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड ने आठ अप्रैल, 2021 को 30 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे और सभी BJP को भुनाने के लिए दे दिए.
पिछले हफ्ते जब पहली बार रिलायंस कनेक्शन सामने आया था, तो रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने एक डिटेल्ड FAQ के जवाब में कहा था कि क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड किसी भी रिलायंस इकाई की सहायक कंपनी नहीं है. हालांकि, इसने फर्म के साथ अपने जुड़ाव पर कोई कमेंट नहीं की थी.
निजी कंपनी क्विक सप्लाई चेन नौ नवंबर, 2000 को 130.99 करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी के साथ गठित की गई थी. इसकी चुकता पूंजी 129.99 करोड़ रुपये है. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का राजस्व 500 करोड़ रुपये से अधिक था, लेकिन लाभ के बारे में जानकारी नहीं मिली है.
ये भी पढ़ें:- बाजार बंद होने के बाद Tata Chemicals पर आई बड़ी खबर, लगा 104 करोड़ रुपये के जुर्माने का झटका, पढ़ें पूरी खबर
इसने राजनीतिक दलों को देने के लिए 2021-22 में 360 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे जबकि उस साल इसका नेट प्रॉफिट केवल 21.72 करोड़ रुपये था. इसने 2023-24 में भी 50 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं.
इस कंपनी में तीन निदेशक हैं और एक प्रमुख प्रबंधन कर्मी है. वर्तमान में बोर्ड पर सबसे लंबे समय तक सेवारत निदेशक तपस मित्रा हैं जो संयोग से 25 अन्य कंपनियों के बोर्ड में भी शामिल हैं. उन्हें 17 नवंबर, 2014 को निदेशक नियुक्त किया गया था.
मित्रा रिलायंस इरोज प्रोडक्शंस एलएलपी और जामनगर कांडला पाइपलाइन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड जैसी साझेदारी फर्मों के निदेशक हैं.
जामनगर कांडला पाइपलाइन अहमदाबाद में कुछ अन्य रिलायंस कंपनियों, जैसे कि रिलायंस पेजिंग प्राइवेट लिमिटेड, जामनगर रतलाम पाइपलाइन प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टैंकेजेज प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस ऑयल एंड पेट्रोलियम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा साझा किए गए पते पर पंजीकृत है.
विपुल प्राणलाल मेहता 10 दिसंबर, 2019 से क्विक के बोर्ड में निदेशक हैं. वह आठ अन्य कंपनियों के निदेशक भी हैं, जिनमें से एक रिले आइकॉन्स एंड ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल है.
श्रीधर टिट्टी सबसे हाल में नियुक्त किए गए निदेशक हैं. वह 27 नवंबर, 2023 को बोर्ड में शामिल हुए.
हनीवेल प्रॉपर्टीज के दो निदेशकों में से एक सत्यनारायणमूर्ति वीरा वेंकट कोरलेप वर्ष 2005 से रिलायंस समूह की कई फर्मों के बोर्ड में हैं. कंपनी कई समूह फर्मों के साथ अपना पंजीकृत पता भी साझा करती है.
कंपनी पंजीयक (आरओसी) को दी गई सूचना के मुताबिक, रिलायंस ग्रुप सपोर्ट, रिलायंस फायर ब्रिगेड और रिलायंस हॉस्पिटल मैनेजमेंट के पास मिलकर क्विक का 50.04 प्रतिशत हिस्सा है, जो रिलायंस की खुदरा इकाई को लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सहायता प्रदान करती है.
ये भी पढ़ें:- Petrol Diesel Price: पेट्रोल-डीजल के दाम हुए अपडेट, जानें आपके शहर में क्या हैं ताजा रेट
सुरेंद्र लूनिया से जुड़ी कंपनी नेक्सजी डिवाइसेज प्राइवेट लिमिटेड ने मई, 2019 और नवंबर, 2022 में 35 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे. उनसे जुड़ी एक अन्य कंपनी, इन्फोटेल बिजनेस सॉल्यूशंस ने मई, 2019 में 15 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे. लूनिया ने रिलायंस से जुड़ी कंपनियों की एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी अडानी समूह को बेच दी थी.