PM Kusum: प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसान अपने खेत या बंजर जमीन पर 60 फीसदी सब्सिडी पर सोलर पंप लगवा सकते हैं. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार 30-30 फीसदी सब्सिडी देगी.
PM Kusum Yojana: देश में खेती किसानी को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी स्कीम चलाई जा रही है. साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी तमाम सरकारी स्कीम उपलब्ध हैं. इन्हीं में से एक प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM Kusum) भी है. इस सरकारी स्कीम के तहत किसानों को सोलर पंप (Solar Pump) लगाने के लिए भारी सब्सिडी दी जा रही है.
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसान अपने खेत या बंजर जमीन पर 60 फीसदी सब्सिडी पर सोलर पंप लगवा सकते हैं. इस सरकारी योजना का मकसद जहां प्रदूषण मुक्त चिंचाई है, वहीं इससे किसानों को 25 साल तक बिना टेंशन रेगुलर इनकम करने में भी मदद मिलेगी. इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पैनल मिलते हैं, जिससे वे बिजली बना सकते हैं. जरूरत भर बिजली का इस्तेमाल करके वे बची बिजली को बेच कर अतिरिक्त इनकम भी कमा सकते हैं. पीएम कुसुम योजना को साल 2019 में शुरू किया गया था, जिसके बाद इस योजना का लगातार विस्तार किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पैनल मिलते हैं, जिससे वे बिजली बना सकते हैं. इस योजना के जरिए बिजली या डीजल से चलने वाले सिंचाई पंप को सोलर एनर्जी से चलने वाले पंप में बदला जा सकता है. सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल पहले अपने सिंचाई के काम में करेंगे. उसके अलावा जो बिजली अतिरिक्त बचेगी, उसे विद्युत वितरण कंपनी (DISCOM) को बेचकर 25 साल तक आमदनी कर सकते हैं. यानी यह योजना 25 साल तक इनकम की गारंटी देगी. किसान अपनी जरूरत भर बिजली इस्तेमाल कर बची बिजली को बेच कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. सोलर पैनल 25 साल तक चलेगा और इसका रखरखाव भी आसान है. इससे जमीन के मालिक या किसान को हर साल प्रति एकड़ 60 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक आमदनी अगले 25 साल तक हो सकती है.
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किसान ऐसे पा सकते हैं 60 फीसदी सब्सिडी
इस योजना के तहत किसानों को अपनी जमीन पर सोलर पैनल लगवाने के लिए सिर्फ 10 फीसदी रकम का भुगतान करना होता है. केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को बैंक खाते में 60 फीसदी सब्सिडी की रकम देती है. इसमें केंद्र और राज्यों की ओर से 30 फीसदी और 30 फीसदी सब्सिडी मिलेगी. वहीं बैंक की ओर से 30 फीसदी लोन का प्रावधान है. इस लोन को किसान अपनी होने वाली आमदनी से आसानी से भर सकते हैं.
पीएम कुसुम योजना: किसे मिलेगा लाभ
किसान
सहकारी समितियां
पंचायत
किसानों का समूह
किसान उत्पादक संगठन
जल उपभोक्ता एसोसिएशन
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PM Kusum Yojana के लिए कैसे करें आवेदन
केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगवाने के लिए आधिकारिक वेबसाइट mnre.gov.in पर ऐसे आवेदन कर सकते हैं.
सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
होम पेज पर योजना संबंधित दिशा-निर्देश पढ़ें.
जिसके बाद आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा.
दिशा-निर्देशों के माध्यम से आपको रजिस्ट्रेशन करने में आसानी होगी.
योजना से जुडी जानकारी प्राप्त करने हेतु अपने नोडल ऑफिसर से सम्पर्क करें.
पीएम कुसुम: आवेदन के लिए जरूरी डाक्यूमेंट्स
आधार कार्ड
आवेदन करने वालों की फोटो
पहचान पत्र
राशन कार्ड
रजिस्ट्रेशन की कॉपी
बैंक खाते की डिटेल (पासबुक)
जमीन के दस्तावेज
मोबाइल नंबर
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पीएम कुसुम योजना का लाभ
इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पैनल मिलते हैं, जिससे वे बिजली बना सकते हैं.
भारत सरकार ने सोलर प्लांट्स का निर्माण शुरू किया जो कुल 28,250 मेगावाट बिजली पैदा कर सकता है.
इसे आप अपने खेत या बंजर जमीन पर लगवा सकते हैं.
इसे लगाने के लिए केंद्र सरकार 30 फीसदी और राज्य सरकार 30 फीसदी सब्सिडी देगी. वहीं इसके लिए 30 फीसदी बैंक लोन करेंगे. यानी किसान को सिर्फ 10 फीसदी ही खर्च वहन करना होगा.
इससे खेती किसानी के लिए सिंचाई आसान होगी. क्योंकि सिंचाई करने वाले पंप को आप सोलर प्लांट से चला सकते हैं. यानी किसानों को सिंचाई के लिए फ्री बिजली मिलेगी.
इस योजना से किसानों की डीजल और केरोसिन तेल पर निर्भरता घटेगी.
बड़ा फायदा यह है कि इससे पैदा होने वाली अतिरिक्त बिजली को वे किसी कंपनी को बेच सकेंगे.
इस योजना से किसान सौर ऊर्जा उत्पादन करने और उसे ग्रिड को बेचने में सक्षम होंगे. यानी उनकी आमदनी भी बढ़ेगी.
ग्रामीण क्षेत्र में एक भूमिधारक 25 साल के लिए सोलर प्लांट के जरिए आय का एक स्थिर स्रोत पा सकता है.
अगर खेती योग्य जमीन है तो न्यूनतम ऊंचाई पर ऊपर सोलर प्लांट लगाए जाते हैं, यानी किसान प्लांट लगाने के बाद भी उस जगह खेती जारी रख सकेंगे.
कुसुम योजना अक्षय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग को सुनिश्चित करती है और खेतों में प्रदूषण को कम करने में मदद करती है.
अच्छी कमाई के साथ प्रदूषण में भी आएगी कमी
सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से बिजली और डीजल की लागत भी कम होगी और प्रदूषण में भी सुधार होगा. सोलर प्लांट लगवाने के लिए जमीन विद्युत सब-स्टेशन से 5 किलोमीटर तक दायरे में होनी चाहिए. किसान सोलर प्लांट खुद या डेवलपर को जमीन पट्टे पर देकर लगवा सकते हैं.