गंगा दशहरा का दिन पूजा-पाठ स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिए शुभ माना जाता है। ऐसे में सुबह उठकर गंगा स्नान करें। इसके बाद विधि अनुसार माता गंगा की पूजा करें। फिर अपने पितरों की पूजा करें। ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है। इसके साथ ही व्यक्ति का कल्याण होता है तो चलिए इस तिथि से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं –
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धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गंगा दशहरा का पर्व हर साल धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन माता गंगा की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस शुभ अवसर पर माता गंगा की उपासना करते हैं, साथ ही दान-पुण्य और धार्मिक कार्य करते हैं उनके परिवार में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही जीवन में शुभता आती है।
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हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व (Ganga Dussehra 2024) मनाया जाता है। इस साल यह 16 जून, 2024 को मनाया जाएगा, तो चलिए इस दिन से जुड़ी जरूरी बातों को जानते हैं।
गंगा दशहरा पर बन रहे हैं ये शुभ योग
इस साल गंगा दशहरा पर कई शुभ योग बन रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन हस्त नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है, जिसकी वजह से यह दिन अपने आप में बेहद शुभ है। अगर आप देवी गंगा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस तिथि पर उनके लिए कठिन व्रत का पालन करें और भाव के साथ पूजा करें।
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गंगा दशहरा पर करें ये 3 कार्य
गंगा दशहरा पर दान-पुण्य करना बेहद पुण्यदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन तिल का दान करने से घर में सदैव बरकत बनी रहती है। इसके साथ ही इस तिथि पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देना भी बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति के सभी कार्य सफल होते हैं और मनचाही नौकरी प्राप्त होती है।
इसके अलावा इस दिन पितरों का तर्पण करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है, जो लोग इस दिन अपने पितरों का तर्पण करते हैं उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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इन मंत्रों से करें देवी गंगा की पूजा
- ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।।
- गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति।।