Indian Railways Big Plan: भारतीय रेलवे की तरफ से यात्रियों की सुविधाओं के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. स्टेशन पर सुविधाएं बढ़ाने के साथ ही ट्रेनों के अपग्रेडेशन पर भी रेलवे की तरफ से लगातार काम किया जा रहा है. सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत केा देशभर में पसंद किये जाने के बाद रेलवे की तरफ से अगले महीने स्लीपर वंदे भारत चलाने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा रेलवे की तरफ से जनरल क्लास के यात्रियों के लिए कदम उठाए गए हैं. बेहतर सेवाएं देने और लगातार बढ़ते यात्रियों की मांग को पूरा करने के लिए रेलवे की तरफ से करीब 370 रोजाना चलने वाली ट्रेनों में 1,000 से ज्यादा नए जनरल सीटिंग कोच की पेशकश की जा रही है.
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जोन के अंदर और बाहर आने-जाने में सुविधा होगी
रेलवे की तरफ से उठाए गए कदम से जनरल कोच में सफर करने वाले करीब एक लाख यात्रियों को राहत मिलेगी. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) की तरफ से इसमें अहम भूमिका निभाई जा रही है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के CPRO कपिनजल किशोर शर्मा ने बताया कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) ने पहले ही 36 ट्रेनों / 69 रैक को 276 जनरल कोच के साथ बढ़ा दिया है. इससे यात्री अपने जोन के अंदर और बाहर ज्यादा सुविधाजनक तरीके से जा सकेंगे.
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करीब 370 ट्रेनों में 600 जनरल कोच जोड़े गए
उन्होंने यह भी बताया कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे दिसंबर 2024 के अंत तक 16 जनरल कोच के साथ तीन अतिरिक्त ट्रेनों को बढ़ाने का प्लान कर रही है. ये प्रयास NFR की यात्री सेवाओं में सुधार और सभी वर्गों के लिए ट्रेन सफर को ज्यादा आरामदायक बनाने के मकसद से किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि रेल यात्रा में लोगों की बढ़ती रुचि को देखते हुए रेलवे अपने बेड़े का विस्तार करने के साथ ही मौजूदा ट्रेनों में भी जनरल कोच को जोड़ने पर काम कर रहा है. कपिनजल किशोर शर्मा ने बताया कि जुलाई से अक्टूबर के बीच करीब 370 ट्रेनों में 600 जनरल कोच जोड़े गए.
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10,000 से ज्यादा नॉन-एसी कोच शामिल करने का प्लान
इसके अलावा अगले दो साल में 10,000 से ज्यादा नॉन-एसी कोच शामिल किये जाने का प्लान है. इसमें 6,000 से ज्यादा जनरल कोच और स्लीपर-क्लास कोच शामिल हैं. रेलवे की तरफ से उठाए जाने वाले कदम से रोजाना करीब 8 लाख यात्रियों को सहूलियत मिलेगी. रेलवे की तरफ से तैयार किये जा रहे एलएचबी कोच (LHB) काफी आरामदायक और सुरक्षित हैं. उन्होंने बताया कि LHB कोच हल्के और मजबूत होते हैं. दुर्घटना होने पर भी इनमें कम नुकसान होता है.