बीते 24 घंटे में तीन जगह गोलीबारी की घटनाएं घट चुकी हैं। लॉरेंस बिश्नोई साबरमती जेल से गैंग चला रहा है। उसे बीजेपी का संरक्षण मिला हुआ है। इसलिए अपराधी इतने बेखौफ हैं।
विधानसभा सत्र के पहले दिन शुक्रवार को कानून-व्यवस्था का मुद्दा जोर-शोर से उठा। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा को घेरते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा दौर में दिल्ली गैंगस्टर कैपिटल बन गई है। अपराध पर भाजपा की जीरो टॉलरेंस नीति ढकोसला है। दिल्ली की जनता अब भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार है।
ये भी पढ़ें : 4 दिसंबर से खुल रहा एक और IPO, प्राइस बैंड ₹180, ग्रे मार्केट में अभी से तूफानी तेजी
केजरीवाल ने गृहमंत्री से सवाल किया कि क्या आप गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की मदद कर रहे हैं। वह साबरमती जेल से दिल्ली और दुनियाभर में गतिविधियां कैसे चला रहा है। दिल्ली में बढ़ते अपराध के लिए भाजपा और गृहमंत्री जिम्मेदार हैं, क्योंकि राजधानी की कानून-व्यवस्था केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है। आप सरकार ने अपनी जिम्मेदारियां पूरी कीं। दिल्ली के स्कूल, अस्पताल, बिजली और पानी की व्यवस्था में सुधार किया है। सड़कों और अन्य सुविधाओं पर काम किया है, लेकिन सुरक्षा का जिम्मा केंद्र सरकार पर है, जो पूरी तरह विफल रही है। वर्ष 2019 में अमित शाह के गृहमंत्री बनने के बाद से दिल्ली की कानून-व्यवस्था और खराब हो गई है। हत्या, लूट और अपहरण की घटनाएं लगातार हो रही हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं और लोग खुलेआम फिरौती की कॉल व गोलियों के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने भाजपा से दिल्ली को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अपराध रोकें, मुझे रोकने की कोशिश न करें।
ये भी पढ़ें : Property Share Investment Trust का IPO 2 दिसंबर से, बोली लगाने के लिए इतना है प्राइस बैंड
सिसोदिया ने भी भाजपा पर बोला हमला
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दिल्ली को शूटआउट कैपिटल बना दिया है। पहले दूर से सुनते थे, शूटआउट एट लोहखंडवाला, अभी तो रोज अपनी दिल्ली में सुनने को मिल रहा है। शूटआउट एट कबीर नगर, शूटआउट एट पश्चिम विहार, शूटआउट एट नारायणा, सोनिया विहार, होटल हर जगह हर गली में गैंगेस्टरों का खुला आतंक है।
ये भी पढ़ें : 99 करोड़ रुपये जुटाने के लिए आज से खुला यह IPO, GMP 5 दिन में 9 से 35 रुपये पहुंचा, चेक करें 10 बातें
इस सरकार का आखिरी सत्र
बता दें कि इस सरकार के गठन का यह अंतिम विधानसभा सत्र है, क्योंकि फरवरी महीने में विधानसभा चुनाव होना है। इस सत्र में पक्ष और विपक्ष पूरी तरह से एक दूसरे पर हमलावर रहेगी और पूरी तरह से राजनीतिक सत्र देखने को मिल सकता है।
सदन में उठा मार्शलों का मुद्दा
दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार ने बस मार्शलों के मुद्दे पर कहा कि भाजपा इसके लिए जिम्मेदार है। हम लगातार संघर्ष कर रहे हैं। बस मार्शलों की नियुक्ति के लिए भाजपा के पैर पकड़े, क्योंकि हम दिल्ली की मां, बहन, बेटी को सुरक्षा मिले। बस मार्शलों को रोजगार मिले। भाजपा के लोगों ने बस मार्शलों को हटवाने का काम किया है। भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोग इनके पास जाते हैं तो ये कहते हैं कि एलजी ने मंजूरी नहीं दी। एलजी साहब और दिल्ली भाजपा के बड़े नेताओं ने बस मार्शलों से मुलाकात की, फोटो खिंचवाई, लेकिन रोजगार नहीं मिला। आज लोग पूछ रहे हैं कि आखिर हमें रोजगार क्यों नहीं दे रहे हैं।
ये भी पढ़ें:- भारत में इन कारों की रीसेल वैल्यू है सबसे ज्यादा, 5 साल चलाने के बाद बेचने पर भी मिलती है मोटी कीमत
भाजपा विधायकों ने किया बहिष्कार
सदन में प्रश्न काल नहीं कराए जाने का भाजपा ने कड़ा विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार पिछले एक साल से प्रश्न काल नहीं कर रही है, इस कारण विधायक अपने इलाकों की आवाज नहीं उठा पा रहे हैं, इसके अलावा मंत्री विधायकों के सवालों का जवाब देने से बच रहे हैंl दूसरी ओर सदन में नियम 280 के तहत विधायकों की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दे को लेकर भाजपा ने कड़ा विरोध किया, दरअसल विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को मुद्दे पढ़ने का अवसर दिए बिना उन्हें पढ़ा हुआ माने जाने के निर्देश दिए, भाजपा विधायकों ने उनके इस कदम का बड़ा विरोध करते हुए सदन का बहिष्कार किया।
जमानत मिलने के बाद पहली बार सदन में पहुंचे सत्येंद्र जैन
सदन में नियम 55 के तहत चर्चा शुरू हुई। आम आदमी पार्टी के विधायकों की ओर से बस मार्शल नहीं लगाए जाने पर चर्चा करने का निर्णय लिया। बहिष्कार के बाद भाजपा विधायक सदन में वापस लौटे। वहीं सत्येंद्र जैन जमानत मिलने के बाद पहली बार विधानसभा में पहुंचे। सदन में दोनों पक्षों के सदस्यों ने मेज थापा कर उनका स्वागत किया। हाल ही में आम आदमी पार्टी की ओर से जिन तीन विधायकों का टिकट काटा गया है। वह आज सदन में नहीं आए, आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले कैलाश गहलोत भी सदन में नहीं आए हैं, हालांकि उन्होंने विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया है।