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देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप आईपीओ लाने की तैयारी में फ्लिपकार्ट! जानिए कब होगी लिस्टिंग

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नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट की वैल्यू करीब 36 अरब डॉलर है। कंपनी अगले 12-15 महीने में आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक फ्लिपकार्ट का आईपीओ देश में किसी भी स्टार्टअप का अब तक का सबसे बड़ा इश्यू हो सकता है। भारत का स्टार्टअप सेक्टर दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है और यही वजह है कि इस इश्यू को अहम माना जा रहा है। वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने सिंगापुर से भारत में अपना डोमिसाइल ट्रांसफर करने के लिए आंतरिक मंजूरी हासिल कर ली है। इसे IPO के लिए पहला कदम माना जाता है। कंपनी अगले कैलेंडर वर्ष के अंत तक या 2026 की पहली तिमाही में आईपीओ ला सकती है।एक सूत्र ने कहा कि प्रक्रिया शुरू हो गई है और अगले 12 से 15 महीने में कंपनी की लिस्टिंग हो जाएगी। जोमैटो, नाइका और स्विगी जैसी कई कंज्यूमर इंटरनेट कंपनियों की की सफल लिस्टिंग के बाद रिटेल इन्वेस्टर्स की स्टार्टअप कंपनियों में दिलचस्पी बढ़ी है। ET ने 13 मई को सबसे पहले रिपोर्ट की थी कि फ्लिपकार्ट अपनी मूल कंपनी को वापस भारत लाने की योजना बना रही है। ऑनलाइन कॉमर्स की इस दिग्गज कंपनी ने इस साल लगभग 1 अरब डॉलर का फंड भी जुटाया है। इसमें Google का 35 करोड़ डॉलर का निवेश शामिल हैं।

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वॉलमार्ट की हिस्सेदारी

कंपनी 2021 के अंत से ही आईपीओ की योजनाओं पर सक्रिय रूप से चर्चा कर रही है लेकिन 2022-23 के दौरान प्रतिकूल बाजार स्थितियों के बाद इन चर्चाओं को रोक दिया गया था। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि भारत में हाल में कई कंज्यूमर कंपनियों की लिस्टिंग हुई है जिसके बाद एक बार फिर फ्लिपकार्ट की शेयर बिक्री में दिलचस्पी बढ़ी है। यह उस सौदे का भी हिस्सा था जब वॉलमार्ट ने 2018 में फ्लिपकार्ट में मैज्योरिटी स्टेक हासिल किया था। फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने प्रेस टाइम तक ET के ईमेल क्वेरी का जवाब नहीं दिया।वॉलमार्ट के लिए फ्लिपकार्ट की लिस्टिंग अहम होगी। 2018 में फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण के बाद से वॉलमार्ट ने इस कंपनी में कई चरणों में $2 अरब से अधिक का निवेश किया है। इस साल की शुरुआत में उसने $60 करोड़ का निवेश किया। वॉलमार्ट के पास फ्लिपकार्ट में लगभग 81% हिस्सेदारी है। इसके निवेशकों में सॉफ्टबैंक और जीआईसी शामिल हैं। फ्लिपकार्ट एक सौ से अधिक डार्क स्टोर ऑपरेट कर रही है। विश्लेषकों का अनुमान है कि भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग ने इस साल त्योहारी महीने के दौरान 1 लाख करोड़ रुपये की बिक्री की। फ्लिपकार्ट ने प्रमुख त्योहारी सीजन के दौरान अपनी टॉप पोजीशन बनाए रखी।

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