अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए कई तरीके मौजूद हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बगैर इसका इस्तेमाल करना खतरे से खाली नहीं है, ये हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकता है.
Contraceptive Risk: चाइल्ड बर्थ कंट्रोल के तरीके भले ही कितने भी कॉमन क्यों न हो गए हों, लेकिन ये खतरे से खाली नहीं हैं. डेनमार्क के हाल के रिसर्च से पता चलता है कि हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव्स, खास तौर से एस्ट्रोजन वाले गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. स्टडी में 20 लाख से अधिक महिलाओं पर नज़र रखी गई और पाया गया कि नॉन ओरल कंबाइंड कॉन्ट्रासेप्टिव्स जैसे कि वेजाइनल रिंग और स्किन पैच सबसे ज्यादा रिस्क पैदा करते हैं, जबकि प्रोजेस्टिन-ओनली इंट्राउटरिन सिस्टम सेफ थे.
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“25 करोड़ महिलाएं यूज करती हैं कॉन्ट्रासेप्टिव्स”
खुद से पूछिए, क्या आप उन लोगों में से हैं जो असुरक्षित संभोग के बाद मॉर्निंग-आफ्टर पिल या दूसरे गर्भनिरोधक गोलियां लेना पसंद करती हैं? तो ये आपके लिए बुरी खबर हो सकती है. कई गर्भनिरोधक तरीकों में से, दुनिया भर में अनुमानित 250 मिलियन महिलाएं हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव्स पर निर्भर हैं. हालांकि पिछले अध्ययनों ने उनके इस्तेमाल से इस्केमिक स्ट्रोक और हार्ट अटैक के संभावित बढ़े हुए जोखिम का सुझाव दिया है, लेकिन निष्कर्ष असंगत थे.
कम नहीं हैं खतरे
द बीएमजे (The BMJ) में छपी डेनमार्क की एक नई स्टडी ने सबूत में और इजाफा किया है. सबसे अधिक जोखिम अनुमान एस्ट्रोजन कंटेनिंग प्रोडक्ट्स के लिए थे, खास तौर से वेजाइनल रिंग और स्किन पैच. रिसर्चर्स ने कहा कि एब्सोल्यूट रिस्क कम रहता है, हालांकि, ऐसे कॉन्ट्रासेप्टिव्स के धड़ल्ले से इस्तेमाल को देखते हुए, उन्होंने जोर दिया कि हेल्थ एक्सपर्ट को इन्हें पर्ची पर लिखते वक्त इन संभावित जोखिमों पर विचार करना चाहिए.
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कॉन्ट्रासेप्टिव्स के कई तरीके
पिछली स्टडीज में कई तरह हार्मोन कॉम्बिनेशंस के असर, उन्हें कैसे लिया जाता है (जैसे, गोलियां, इमप्लांट्स, इंजेक्शन, वेजाइनल रिंग या स्किन पैच), और कितने समय तक, इसके बारे में भी सबूत की कमी है. रिसर्चर्स ने 1996 से 2021 तक 15-49 साल की उम्र की बीस लाख से ज्यादा डेनिश महिलाओं के नेशनल प्रिस्क्रप्शन रिकॉर्ड को ट्रैक किया. स्टडी में शामिल गर्भनिरोधकों के प्रकार कंबाइंड एस्ट्रोजन-प्रोजेस्टिन की गोलियां, वेजाइनल रिंग, पैच, प्रोजेस्टिन-ओनली पिल्स, अंतर्गर्भाशयी डिवाइज, स्किन के नीचे प्रत्यारोपण और इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन थे.
इन महिलाओं को रिसर्च से बाहर रखा गया
जिन महिलाओं का खून के थक्के, कैंसर, लिवर, गुर्दे की बीमारी, पीसीओएस, एंडोमेट्रियोसिस या इंफर्टिलिटी ट्रीटमेंट का इतिहास था, जो मनोरोग दवा, या हार्मोन थेरेपी का उपयोग करती थीं, या हिस्टेरेक्टॉमी करवाई थी, उन्हें स्टडी से बाहर रखा गया था.इस्केमिक स्ट्रोक और हार्ट अटैक के मामलों को दर्ज किया गया. उन्होंने अन्य संभावित प्रभावशाली फैक्टर्स जैसे कि उम्र, शिक्षा का स्तर, और हाई बीपी और डायबिटीज जैसी मौजूदा स्थितियों को भी ध्यान में रखा.
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कितना ज्यादा रिस्क?
कम्बाइंड एस्ट्रोजन-प्रोजेस्टिन पिल्स, जो सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली हार्मोनल गर्भनिरोधक है, इस्केमिक स्ट्रोक और हार्ट अटैक के दोगुने जोखिम से जुड़ी थी. इसका मतलब है कि एक साल के लिए कंबाइंड गोली का सेवन करने वाली हर 4,760 महिलाओं के लिए एक एडिशनल स्ट्रोक, और हर साल उपयोग करने वाली हर 10,000 महिलाओं के लिए एक एडिशनल हार्ट अटैक.
प्रोजेस्टिन-ओनली कॉन्ट्रासेप्टिव्स, जैसे कि पिल्स और इमप्लांट्स, में थोड़ा बढ़ा हुआ जोखिम था, हालांकि, कंबाइंड गोलियों की तुलना में कम. नॉन ओरल कंबाइंड कॉन्ट्रासेप्टिव्स, जैसे कि वेजाइनल रिंग और पैच, में हाई रिस्क जुड़े थे, वेजाइनल रिंग इस्केमिक स्ट्रोक के खतरे को 2.4 गुना और हार्ट अटैक के जोखिम को 3.8 गुना बढ़ाती है, जबकि पैच ने इस्केमिक स्ट्रोक के जोखिम को 3.4 गुना बढ़ा दिया.
कम रिस्की कॉन्ट्रासेप्टिव्स
सिर्फ एक हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव्स जो बढ़े हुए जोखिम से नहीं जुड़ा था, वो प्रोजेस्टिन-ओनली इंट्राउटरिन सिस्टम था, जो इस विकल्प को दिल की सेहत के लिए सुरक्षित बनाता है. उपयोग की अवधि भी जोखिम को प्रभावित करती हुई नहीं दिखी.
हालांकि, ये एक ऑब्जर्बेशनल स्टडी है, इसलिए वजह और असर के बारे में कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है. ऑथर्स ने कहा, “हालांकि एब्सोल्यूट रिस्क कम थे, डॉक्टर्स को हार्मोनल गर्भनिरोधक तरीके लिखते वक्त फायदों और जोखिमों के आकलन में आर्टेरियल थ्रम्बोसिस के संभावित जोखिम को शामिल करना चाहिए.”
चिंता का विषय
स्वीडिश इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Swedish Institute of Technology) में थेरेसी जोहानसन (Therese Johansson) ने कहा कि ये बीमारियां दुर्लभ हैं, खासकर यंग महिलाओं में. हालांकि, दुष्प्रभाव गंभीर हैं, ये देखते हुए कि लगभग 248 मिलियन महिलाएं (तकरीबन 25 करोड़) रोजाना हार्मोनल गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करती हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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