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26 या 27 फरवरी…! फाल्गुन अमावस्या कब मनाई जाएगी? आचार्य से जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त

Falgun Amavasya 2025 Date: फाल्गुन मास की अमावस्या बेहद शुभ है. मान्यता है कि इस दिन स्नान-दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस बार तिथि को लेकर लोगो मे असमंजक बना हुआ है. आइए उज्जैन के आचार्य से जानते है. इस बार स्नान-दान का शुभ मुहूर्त.

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फाल्गुन अमावस्या. हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन का महीना दान-पुण्य के लिए बेहद शुभ माना जाता है. साथ ही अमावस्या की तिथि बड़ी पावन और विशेष मानी गई है. साल में 12 अमावस्या की तिथियां पड़ती हैं. फाल्गुन महीने में पड़ने वाली अमावस्या फाल्गुन अमावस्या कहलाती है. इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु का पूजन का विधान है. साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है. इस बार तिथि को लेकर असमंजस लोगो के बीच बना हुआ है. आइए उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते है. सही तिथि व शुभ मुहूर्त.

कब मनाई जाएगी फाल्गुन अमावस्या?
वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर हो जाएगी. इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 28 फरवरी को सुबह 6 बजकर 14 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान-दान भी किया जाएगा.

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स्नान का यह मुहूर्त सबसे श्रेष्ठ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन अमावस्या के दिन स्नान के लिए सबसे शुभ ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में डुबकी लगाने से अधिक और विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इसलिए इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में ही पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. स्नान करने के बाद दान-पुण्य करना चाहिए.

जानिए फाल्गुन अमावस्या का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन अमावस्या के दिन स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्घ्य देना चाहिए. इस शुभ दिन पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-दान के कार्यों से साधक को सभी दुख-कष्ट और पापों से मुक्ति मिलती है. अमावस्या के दिन पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के कार्य किए जाते हैं. मान्यता है कि इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और परिवार के सदस्यों पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है.

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फाल्गुन अमावस्या पर शुभ योग्य
फाल्गुन अमावस्या पर दुर्लभ शिव योग का संयोग बन रहा है. इस योग का समापन देर रात 11 बजकर 41 मिनट पर होगा.इसके बाद साध्य योग का संयोग है. ज्योतिष शिव योग को बेहद शुभ मानते हैं. इस योग में गंगा व पवित्र नदी मे स्नान करने से भगवान शिव की पूजा करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. साथ ही हर मनोकामना पूरी होती है.

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