नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Council on Energy, Environment and Water (CEEW) की ओर से सोमवार को जारी किए गए एक स्वतंत्र अध्ययन के अनुसार, 85 फीसदी भारतीय परिवारों के पास LPG कनेक्शन हैं और 70 फीसद से ज्यादा भारतीय परिवार खाना पकाने के लिए प्राथमिक ईंधन के तौर पर LPG का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, अभी भी 54 फीसद भारतीय परिवार नियमित रूप से पारंपरिक ठोस ईंधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, फिर चाहे वह केवल ठोस ईंधनों का उपयोग हो या फिर LPG के साथ अतिरिक्त ईंधन के रूप में इसका इस्तेमाल करना हो।
खाना पकाने के लिए उपले, लकड़ी, कोयला, कृषि अवशेष, और केरोसिन जैसे पारंपरिक ठोस ईंधनों का उपयोग ऐसे परिवारों के लिए घरेलू वायु प्रदूषण के जोखिम की एक बड़ी वजह है। पिछले महीने, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक करोड़ गरीब और प्रवासी परिवारों को मुफ्त LPG कनेक्शन देने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 2.0 का उद्घाटन किया था।
CEEW के अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि देश में 39 फीसदी परिवार LPG के साथ पारंपरिक ठोस ईंधन का भी प्रयोग करते हैं। इनमें से 84 फीसद परिवारों ने LPG को पूरी तरह से इस्तेमाल ना करने की वजह इसकी अधिक कीमत को बताया है। पिछले एक साल में LPG सिलेंडर के दामों में प्रति सिलेंडर 240 रुपये यानी 40 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।
CEEW के सीनियर प्रोग्राम लीड शालू अग्रवाल, ने कहा कि, “उज्ज्वला योजना के पहले चरण के तहत, LPG को हर एक तक पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा किये गए प्रयास सराहनीय हैं। लेकिन 15 फीसद भारतीय परिवारों के पास अभी भी LPG नहीं है। सरकार को उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण में सुनियोजित तरीके से लाभार्थी पहचान, संशोधित नामांकन प्रक्रिया, और जागरूकता अभियान के जरिए से इस फासले को कम करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, सरकार को LPG रिफिल पर सब्सिडी को फिर से शुरू करने पर प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि लोग ठोस ईंधन का इस्तेमाल कम से कम करें।”
CEEW के प्रोग्राम असोसिएट और इस अध्ययन के मुख्य लेखक सुनील मणि के अनुसार, “जनस्वास्थ की पहली प्राथमिकता नागरिकों के लिए घरेलू वायु प्रदूषण में कमी लाना होना चाहिए। ठोस ईंधन का इस्तेमाल देश में हेल्थ को नुकसान पहुंचाने वाले सबसे बड़े कारणों में से एक है। इसीलिए सरकार को LPG को किफायती बनाने और गरीब परिवारों को अधिक सब्सिडी देने पर विचार करना चाहिए। इसके अलावा समय पर होम डिलिवरी की सुविधा भी उपलब्ध कराना चाहिए।”