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मोतीलाल ओसवाल को झटका, SEBI ने लगाया ₹7 लाख का जुर्माना, ये हैं आरोप

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मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने गुरुवार को शेयर ब्रोकर और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स नियमों के उल्लंघन के लिए मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

नई दिल्ली. ब्रोकिंग फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (MOFSL) को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने गुरुवार (30 जनवरी) को स्टॉक ब्रोकर और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स नियमों के उल्लंघन के लिए मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सेबी के आदेश के मुताबिक, कंपनी को 45 दिन के भीतर जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया है.

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सेबी ने शेयर ब्रोकर और डिपॉजिटरी भागीदार मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड का अप्रैल, 2021 से जून, 2022 तक की अवधि के लिए शेयर बाजारों और डिपॉजिटरी के साथ संयुक्त रूप से जांच की. इसके बाद सेबी 4 जुलाई 2024 को ब्रोकिंग फर्म को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया.

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ये हैं आरोप
सेबी के नोटिस में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज पर जो मुख्य आरोप लगाए गए, उनमें गलत रिपोर्टिंग और मार्जिन की कम वसूली, कैश और कैश इक्विवेलेंट बैलेंस का गलत डेटा (57 मामलों में), सिक्योरिटीज बिजनेस के अलावा अन्य कार्यों में शामिल होना (जिससे पर्सनल फाइनेंशियल लायबिलिटी पैदा हुई) और मार्जिन ट्रेडिंग फंडिंग पर गलत रिपोर्टिंग शामिल हैं. मार्केट रेगुलेटर के नोटिस में आरोप लगाया गया कि SCORES प्लेटफॉर्म और एक्सचेंजों से प्राप्त 300 से ज्यादा (334) शिकायतें 30 दिनों से ज्यादा समय से पेंडिंग थीं. इसके अलावा मार्केट इंटरमीडियरी ने अकाउंट्स को सही तरीके से मेंटेन नहीं किया.

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मोतीलाल ओसवाल ने आरोपों पर दी सफाई
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने नोटिस के जवाब में कहा कि कुछ उल्लंघन पूरी तरह से अनजाने में हुए और जानबूझकर की गई गलत रिपोर्टिंग नहीं थे. इसमें आगे कहा गया है कि कुछ टेक्निकल इश्यू भी थे, जिनके चलते उल्लंघन हुए और उन्हें पहले ही ठीक कर लिया गया है.

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