ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (Ola Electric) ने अपनी बढ़ती आर्थिक दिक्कतों को कम करने के लिए एक बार फिर 1000 से ज्यादा कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स की छंटनी की तैयारी है. सूत्रों के मुताबिक, प्रोक्योरमेंट, फुलफिलमेंट, कस्टमर रिलेशन और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे कई विभागों में यह छंटनी की जा रही है.
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5 महीने में दूसरी बार छंटनी-यह छंटनी ऐसे समय पर हो रही है जब कंपनी पहले ही पिछले 5 महीनों में एक राउंड की छंटनी कर चुकी है. नवंबर 2024 में भी कंपनी ने करीब 500 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था.
इस बार की छंटनी कंपनी के कुल कर्मचारियों का 25% से ज्यादा है, हालांकि इसमें कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स भी शामिल हैं, जिनकी जानकारी सार्वजनिक रूप से कंपनी नहीं देती. ऑटोमेशन और लागत घटाने की कवायद.
कंपनी अपने कस्टमर रिलेशन ऑपरेशंस को ऑटोमेट करने पर काम कर रही है, जिससे लागत घटाई जा सके और कुछ काम मशीनों के जरिए हो सके.
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ओला ने एक बयान में कहा, हमने अपने फ्रंट-एंड ऑपरेशंस को ऑटोमेट और रीस्ट्रक्चर किया है, जिससे मार्जिन बेहतर हुआ है, लागत घटी है और कस्टमर एक्सपीरियंस भी सुधरा है.”हालांकि, कंपनी ने छंटनी किए गए कर्मचारियों की सटीक संख्या नहीं बताई.
शोरूम और वेयरहाउस स्टाफ पर भी गिरी गाज-सूत्रों के मुताबिक, ओला अपने शोरूम, सर्विस सेंटर्स और वेयरहाउस में काम करने वाले सेल्स और सर्विस स्टाफ को भी हटाने की प्रक्रिया में है. कंपनी अपने लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी मॉडल में बदलाव कर रही है, जिससे खर्चों में कटौती की जा सके.
IPO के बाद लगातार गिरावट- ओला इलेक्ट्रिक ने अगस्त 2024 में जोरदार IPO लॉन्च किया था, लेकिन उसके बाद से शेयर की कीमत में 60% से ज्यादा गिरावट आ चुकी है. कंपनी पर ग्राहकों की शिकायतों, सोशल मीडिया पर आलोचना और बाजार में हिस्सेदारी घटने का भी दबाव है.
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कभी इलेक्ट्रिक स्कूटर मार्केट लीडर रही ओला की स्थिति अब कमजोर हो चुकी है.बिक्री का दबाव और मार्केट शेयर में गिरावट है. ओला ने बताया है कि उसने फरवरी 2025 में 25,000 यूनिट्स बेचीं और उसका मार्केट शेयर 28% रहा.
यह आंकड़ा ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल के उस लक्ष्य से काफी कम है, जिसमें उन्होंने 50,000 यूनिट्स की मासिक बिक्री को EBITDA ब्रेकइवन का टारगेट बताया था.
सप्लायर्स से विवाद भी बना सिरदर्द-ओला ने कुछ दिन पहले निवेशकों को बताया था कि उसकी फरवरी में रजिस्ट्रेशन पर असर पड़ेगा क्योंकि कंपनी अपने दो बड़े सप्लायर्स के साथ नए शर्तों पर बातचीत कर रही है.इसका मकसद लागत कम करना और प्रोडक्शन में एफिशिएंसी लाना है.
कुल मिलाकर-ओला इलेक्ट्रिक में एक बार फिर बड़ी छंटनी कर सकती है. 1000 से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी गई. ऑटोमेशन और लागत में कटौती के नाम पर कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या घटा रही है.
IPO के बाद से शेयर 60% गिर चुका है और बाजार में हिस्सेदारी भी घट रही है.ग्राहकों की शिकायतों, सप्लायर्स विवाद और बिक्री में गिरावट ने ओला की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
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