NSE Scam: नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज स्कैम (NSE Scam) मामले में अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई ने शुक्रवार को दावा किया कि को-लोकेशन घोटाले (NSE Co-location case) में गिरफ्तार एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) को जिस ईमेल आईडी के जरिए ‘रहस्यमय हिमालयन योगी’ ने गाइड किया था, वह कथित तौर पर एनएसई के ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम (Anand subramanian) ने ही बनाई थी।
दरअसल, सीबीआई ने अदालत को बताया कि उनके हाथ ऐसे सबूत लगे हैं जिससे यह प्रमाणित होता है कि आनंद सुब्रमण्यम ने ही ‘अदृश्य योगी’ के नाम की फर्जी ईमेल आईडी (rigyajursama@outlook.com) बनाई थी। इस आईडी के जरिए आनंद एनएसई की सीक्रेट रिवील करके मुनाफा कमा रहे थे।
बाद में मिटा दी गई सबूत
हालांकि, बाद में जब मामला सामने आया तब सुब्रमण्यम ने सबूत मिटा दिए। उन्होंने ईमेल डिलीट कर दिए। एजेंसी ने 832 GB डेटा रिकवर करने का दावा किया है। सीबीआई ने अदालत को यह भी बताया कि उसने डिलीट किए गए ईमेल और डेटा को वापस रिकवर करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट कंपनी को एक खत लिखा है। बता दें कि सुब्रमण्यम को कथित तौर पर फोरेंसिक ऑडिट में “योगी” के रूप में संदर्भित किया गया था, लेकिन सेबी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में इस दावे को खारिज कर दिया था।
सेशेल्स यात्रा की जांच कर रही CBI
केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) आनंद सुब्रमण्यम और चित्रा रामकृष्ण की टैक्स हेवन सेशेल्स की यात्रा की भी जांच कर रही है, जिसका उल्लेख रामकृष्ण और रहस्यमय योगी के बीच ईमेल एक्सचेंजों में मिला था। CBI ने शुक्रवार को एक स्थानीय अदालत को बताया कि चित्रा रामकृष्ण और उनके तत्कालीन सलाहकार आनंद सुब्रमण्यम ने एक्सचेंज में अपने कार्यकाल के दौरान सेशेल्स और मॉरीशस सहित कई टैक्स हेवन की यात्रा की। एजेंसी ने अदालत से कहा कि वह इन यात्राओं की जांच कर रही है कि कहीं वे टैक्स हेवन के मकसद से तो यात्रा नहीं कर रहे थे।
क्या होता है टैक्स हेवन यात्रा?
टैक्स हैवन उस देश को कहा जाता है जो राजनीतिक और आर्थिक रूप से स्थिर माहौल में विदेशी व्यक्तियों या कारोबारों को बहुत कम या फिर एकदम न के बराबर की टैक्स लायबिलिटी प्रदान करता है। ऐसे देशों में इनकम पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगता। टैक्स हैवन देशों में टैक्स संबंधी इन लाभों को उठाने के लिए कारोबारी का उसी देश में रहना कोई जरूरी शर्त नहीं होती, न ही बिजनेस को उसी देश में ऑपरेट करना जरूरी माना जाता है। आप किसी और देश में रहते हुए, किसी और देश में कारोबार करते हुए भी यहां के बैंकों में पैसा रख सकते हैं और उस पर आपकी कोई टैक्स लायबिलिटी नहीं बनेगी।
पिछले महीने गिरफ्तार हुए थे आनंद
बता दें कि इस वक्त सुब्रमण्यम दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। सीबीआई के मुताबिक, आनंद सुब्रमण्यम ही हिमालयन योगी हैं, हालांकि आनंद के वकील ने सीबीआई के इस दावे का खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि सुब्रमण्यम पहले व्यक्ति थे, जिन्हें सीबीआई ने पिछले महीने एनएसई को-लोकेशन मामले में गिरफ्तार किया था। वहीं, पिछले रविवार को सीबीआई ने पूछताछ के बाद चित्रा रामकृष्ण को भी हिरासत में ले लिया है।
कौन हैं चित्रा रामकृष्ण और आनंद सुब्रमण्यम? (Who is chitra ramkrishna and anand subramanian?)
चित्रा रामकृष्ण साल 2013 से लेकर 2016 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की सीईओ और एमडी रहीं। 2013 में उन्हें सीईओ पद सौंप दिया गया। हालांकि, 2016 में उन्हें पद के गलत इस्तेमाल और एक घोटाले से नाम जुड़ने के बाद एनएसई से निकाल दिया गया था। चित्रा पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाम के दौरान कई ऐसे फैसले लिए, जो कि शेयर बाजार के हित से नहीं जुड़ा था। इनमें एक फैसला था आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति का, जिनके लिए चित्रा ने एनएसई में अधिकारी स्तर का पद तैयार किया था। साथ ही चित्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान हर बार आनंद सुब्रमण्यम को प्रमोशन दिया। आनंद सुब्रमण्यम एनएसई में शामिल होने से पहले बामर एंड लॉरी नाम की एक कंपनी में काम करते थे। जहां उनकी सैलरी केवल 15 लाख रुपये सालाना थी और शेयर बाजार और उससे संबंधित काम का कोई अनुभव नहीं था। बावजूद आंनद सुब्रमण्यम को 1.68 करोड़ रुपये का सैलरी पैकेज दिया गया।