Hanuman Puja: हनुमान जी को समर्पित मंगलवार का दिन हनुमान भक्तों के लिए खास और बेहद ही महत्व रखने वाला होता है. इस दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना कर अपने सारे कष्टों को दूर करने का वर मांगा जाता है. ऐसे में मंगलवार के दिन 12 लाइनों की आरती जरूर पढ़नी चाहिए.
Hanuman Puja: मंगलवार का दिन हनुमान जी (Lord Hanuman) के भक्तों के लिए बेहद ही खास और महत्वपूर्ण होता है. इस दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है. भक्तजन हनुमान जी के लिए व्रत (Hanuman Vrat) भी रखते हैं. मान्यता है कि मंगलवार के दिन व्रत रखने से भक्तों से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. हनुमान जी श्री राम (Lord Ram) के भक्त हैं. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार, यदि मंगलवार के दिन हनुमान जी पर राम नाम की माला अर्पित की जाए तो वे बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. हनुमान जी के भक्तों को बता दें कि यदि आपने आज यानि मंगलवार को हनुमान जी के लिए व्रत रखा है या पूजा के लिए मंदिर जा रहे हैं तो हनुमान जी की आरती जरूर करें. कहते हैं कि यदि आप किसी देवी-देवता की पूजा अर्चना कर रहे हैं तो अंत में उस देवी या देवता कि आरती करनी भी जरूरी है. आरती के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है. आज का हमारा लेख हनुमान जी की आरती पर ही है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि हनुमान जी की आरती की 12 लाइनें कौन-सी हैं. पढ़ते हैं आगे…
हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
नोट – इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है. india.com इसकी पुष्टि नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें.