पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां इमरान खान के पीछे हाथ धोकर पड़ गई हैं. विपक्षी दल खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं. यहां इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सरकार है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. विपक्षी पार्टियां उनके पीछे हाथ धोकर पड़ गई हैं. आज (शनिवार को) इमरान सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) पर वोटिंग होनी है और इससे ठीक पहले विपक्षी दल खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान (Mahmood Khan) के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं. बता दें कि खैबर पख्तूनख्वा में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सरकार है.
विधायकों ने नियम का दिया हवाला
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा विधान सभा (Khyber Pakhtunkhwa Assembly) के वरिष्ठ विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने महमूद खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. विधान सभा सचिवालय को दिए नोटिस में विपक्षी दलों ने लिखा है कि खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय विधानसभा के नियम 18D के उप-नियम (1) के तहत और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान का संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की मंजूरी दी जाए.
‘CM ने खो दिया है विश्वास’
अभी कुछ दिन पहले ही विपक्षी दलों ने पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया था, जिसके बाद इमरान खान ने आनन-फानन में बुजदार का इस्तीफा लेकर पीएमएलएन-क्यू को मुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया था. अब खैबर पख्तूनख्वा में सरकार को लेकर विपक्षी दलों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. प्रस्ताव में यह भी लिखा गया है, ‘महमूद खान ने मुख्यमंत्री के रूप में विधान सभा के अधिकांश सदस्यों के विश्वास को खो दिया है. इस प्रस्ताव के जरिए महमूद खान से आशा की जाती है कि उन्हें खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पद को छोड़ देना चाहिए’.
ऐसा है सीटों का गणित
रिपोर्ट के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा विधान सभा में कुल 145 सीटें हैं. इनमें इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के पास 94 सीटें, विपक्षी मुत्तहिदा मजलिस के पास 14, अवामी नेशनल पार्टी के पास 12, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के पास 7, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के पास 5, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल) के पास 3 और जमात-ए-इस्लामी के पास 2 सीटें हैं. इसके अलावा बलूचिस्तान अवामी पार्टी के चार, पीएमएल-क्यू के 1 और निर्दलीय 4 विधायक किसी भी गुट में शामिल नहीं हैं.