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आरबीआई अगस्त से नीतिगत ब्याज दरों में कर सकता है बढ़ोतरी, विशेषज्ञों ने जताया अनुमान

RBI

आरबीआई ने मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार 11वीं बार नीतिगत ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है। रेपो दर मई 2020 से 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है। वहीं रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है। लेकिन अगस्त में इन्हें बढ़ाया जा सकता है।

नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना महामारी से प्रभावित आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए पिछले दो सालों से रेपो दर को 4 प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बनाए रखा है। चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में भी केंद्रीय बैंक ने प्रमुख दरों को अपरिवर्तित रखा और अपने उदार रुख जारी रखा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि स्पष्ट रूप से फोकस बदलेगा और अगस्त में दरों को बढ़ाया जा सकता है।

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आईटीआई लॉन्ग-शॉर्ट इक्विटी फंड के एमडी और सीआईओ राजेश भाटिया के अनुसार, केंद्रीय बैंक 2022 की तीसरी तिमाही से नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू करेगा। भाटिया ने कहा, “आगे बढ़ते हुए, हम उम्मीद करते हैं कि विकास जोखिम आने वाले महीनों के लिए मुद्रास्फीति की चिंताओं को दूर कर देगा। संभवतः तीसरी तिमाही में पहली दर वृद्धि हो सकती है। प्रतिकूल तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव हमारे लिए महत्वपूर्ण जोखिम है।”

उद्योग मंडल FICCI के अध्यक्ष संजीव मेहता ने कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक के उदार रुख की निरंतरता का स्वागत है। यह स्पष्ट रूप से तरलता प्रबंधन के सामान्यीकरण की ओर संकेत करता है ताकि मुद्रास्फीति लक्ष्य के भीतर बनी रहे।” उन्होंने कहा, ” पिछली नीति घोषणा के बाद से आर्थिक परिदृश्य में काफी बदलाव आया है और हम उम्मीद कर रहे थे कि सेंट्रल बैंक मौजूदा स्थिति का उचित संज्ञान लेगा।”

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ASSOCHAM के महासचिव दीपक सूद ने कहा, “एमपीसी द्वारा क्रेडिट नीति की समीक्षा के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति के प्रभाव को सीमित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक लगातार विभिन्न मौद्रिक साधनों का इस्तेमाल कर रहा है ताकि वृद्धि की गति को कोई झटका दिए बिना वैश्विक वस्तुओं और कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ने के प्रभाव को सीमित किया जा सके।”

गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने लगातार 11वीं बार प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा और मुद्रास्फीति के अनुमानों को तेजी से बढ़ाया तथा विकास के पूर्वानुमानों को कम किया। रेपो दर, जिस ब्याज दर पर आरबीआई, बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है, मई 2020 से 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है। रिवर्स रेपो दर, जिस ब्याज दर पर आरबीआई, बैंकों से उधार लेता है, वह 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है।

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