कार खरीदने के दौरान अब शायद लोग पहले वाले माइंड सेट से थोड़ा हटकर सोचते हैं और थोड़े ज्यादा पैसे खर्च कर ज्यादा लग्जरी और फीचर वाली कार खरीदना पसंद कर रहे हैं. दूसरी बात कि अब लोग सिर्फ इमरजेंसी इस्तेमाल के कार को प्राथमिकता देने की जगह घूमने, पिकनिक और लंबे टूर भी करने लगे हैं और कारों के लिए फाइनेंस सुविधाएं भी काफी बढ़ी हैं. इन्हीं सभी वजहों को देखते हुए लगता है कि लोग अब हैचबैक की जगह लोग ज्यादा कंफर्ट और फन के लिए एसयूवी को ज्यादा पसंद कर रहे हैं…
कब किस सेक्टर में किस खास प्रॉडक्ट का ट्रेंड चल जाए इसके बारे में किसी को भी पता नहीं होता. ऐसे ही कार को लेकर लोगों की पसंद बदल रही है. पहले जहां लोग कार के लिए जरूरत भर का पैसा खर्च कर कोई भी छोटी-मोटी हैचबैक कार खरीद लेते थे वहीं अब लोगों के दिल में SUV ने जगह बना ली है. SUV में भी कॉम्पैक्ट एसयूवी और माइक्रो एसयूवी को लोग काफी ज्यादा पसंद कर रहे हैं. इसका असर कंपनियों की बिक्री पर भी दिख रहा है. जिन कंपनियों के पोर्टफोलियो में एसयूवी सेगमेंट वाली कार हैं और लेटेस्ट फीचर्स से लैस हैं उन्हें लोग काफी ज्यादा पसंद कर रहे हैं. ऐसे में बाजार में पहले से मौजूद दिग्गज कंपनियों को झटका भी लगा है.
एसयूवी की तरफ लोगों का इंट्रेस्ट बढ़ने का असर ये हुआ कि देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति (Maruti) और हुंडई (Hyundai) की कारों की डिमांड अप्रैल में घट गई. इन दोनों कंपनियों को सालाना आधार पर करीब 10% से ज्यादा का नुकसान हुआ. दूसरी तरफ टाटा, स्कोडा जैसी कंपनियों ने लेटेस्ट फीचर्स से लैस एक के बाद एक कई शानदार एसयूवी मॉडल निकाले हैं. यही वजह है कि टाटा (Tata) लोगों की पहली पसंद बन गई है. इतना ही नहीं, भारत में बजट लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी स्कोडा (Skoda) को 400% से ज्यादा की ग्रोथ हासिल हुई है. तो जान लीजिए कि अप्रैल 2022 में लोगों ने किसी कंपनी की कार सबसे ज्यादा खरीदी…
स्कोडा (Skoda)
स्कोडा ने अप्रैल 2021 में 961 कारें बेची थीं, लेकिन सालभर में कंपनी की बिक्री का आंकड़ा जादू की तरह बदल गया. मारुति, हुंडई, टाटा, महिंद्रा जैसी दिग्जग कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए अप्रैल 2022 में स्कोडा ने 5,152 कारें बेच डालीं. यानी कंपनी को सालाना आधार पर 436% की शानदार ग्रोथ मिली. यूनिट्स के मामले भले किसी दूसरी कंपनियों ने स्कोडा से ज्यादा कार बेंची हो लेकिन बात जब ग्रोथ परसेंट की आती है तो स्कोडा ने कहीं ज्यादा यूनिट्स बेची. स्कोडा ने बीते महीने सालाना आधार पर 4,191 यूनिट ज्यादा बेचीं. MG, निसान, फॉक्सवैगन, जीप, फोर्स जैसी कंपनियों की ओवरऑल बिक्री भी इस आंकड़े से कम ही रही.
टाटा (Tata)
स्कोडा जैसा ही टाटा का प्रदर्शन रहा. टाटा ने बीते कुछ साल में बहुत ही एग्रेसिव तरीके से अपने कार व्यापार को अंजाम दिया औऱ उसके नतीजे भी दिख रहे हैं. टाटा ने हाल ही में माइक्रो एसयूवी पंच लॉन्च किया तो ग्राहकों ने उसे भी खूब पसंद किया. टाटा ने पिछले महीने 65% की सालाना ग्रोथ के साथ 41,587 यूनिट्स बेचीं. अप्रैल 2021 में कंपनी ने 25,095 कारें बेची थीं. टाटा की 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग वाली पंच और अल्ट्रोज की डिमांड सबसे ज्यादा है. टाटा नेक्सॉन की भी जबरदस्त डिमांड रही है. टाटा की गई कारों पर लंबी वेटिंग चल रही है.
इन कंपनियों ने कार मार्केट की दिग्गज मानी जाने वाली मारुति और हुंडई जैसी कंपनियां भी ग्रोथ को तगड़ा झटका दे दिया है. ऐसा लगता है कि मारुति अभी भी अपनी बजट रेंज वाले माइंड सेट से बाहर नहीं निकल पा रही है जो कि उसकी सफलता भी रही है. लेकिन समय के साथ लोगों की खरीदने की क्षमता और पसंद भी बदली है और मारुति कोई एक मॉडल लॉन्च करने के बाद लंबे समय तक उसी मॉडल को सक्सेसफुल बनाने पर जोर देती रहती है. हालांकि मारुति सुजुकी नेक्सा और एरिना के जरिए अपने सेगमेंट को मीडियम और प्रीमियम रेंज में बांटने का प्रयास कर रही है लेकिन शायद उतने एग्रेसिव तरीके से नहीं जितना टाटा और हाल ही में स्कोडा ने किया है.
मारुति, हुंडई की कारों की बिक्री घटी
मारुति ने पिछले महीने 1 लाख से ज्यादा कार बेचीं, लेकिन सालाना आधार पर उसकी बिक्री 10.22% घट गई. दूसरी तरफ, हुंडई को भी सालाना आधार पर 10.21% का नुकसान हुआ. इसी तरह, होंडा को सालाना आधार पर 13.21% और रेनो को 12.13% का नुकसान हुआ है. एमजी को भी बिक्री में झटका लगा है.