Telangana Formation Day 2022: तेलंगाना बिल फरवरी 2014 में कांग्रेस कार्यसमिति और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा लोकसभा में पारित किया गया था।
हाइलाइट्स
- 2 जून को मनाया जाता है तेलांगना फॉर्मेशन डे।
- 2014 में 28वां राज्य बना था तेलांगना।
- 40 वर्षों के संघर्ष के बाद पास किया गया था बिल।
तेलंगाना 2 जून 2014 को भारत के 28 वें राज्य के रूप में सामने आया। हर वर्ष 2 जून को तेलांगना फॉर्मेशन डे (Telangana Formation Day 2022) मनाया जाता है। यह पहली बार 2014 में मनाया गया जब आंध्र प्रदेश से हटकर तेलंगाना एक अलग राज्य के रूप में विकसित हो गया। यह दिन एक दशक लंबे आंदोलन का अंतिम परिणाम था जिसमें भाषाई आधार पर नहीं बल्कि सांस्कृतिक आधारों पर आधारित एक नया राज्य बनाया गया था। यह दिन उन सभी लोगों के बलिदान और सहयोग को याद करता है जिन्होंने इस अलग राज्य को बनाने में अपना जी जान लगा दिया। हर साल तेलांगना फॉर्मेशन डे के मौके पर कई कॉन्फ्रेंस और इवेंट आयोजित किए जाते हैं।
इतिहास (Telangana Formation Day 2022 History)
1 नवंबर 1956 को तेलुगु बोलने वाले लोगों के लिए तेलंगाना को आंध्र प्रदेश के साथ विलय कर एक एकीकृत राज्य बनाने के लिए उस राज्य को तत्कालीन मद्रास से अलग कर बनाया गया था। 1969 में, तेलंगाना क्षेत्र में एक नए राज्य के लिए विरोध और आंदोलन किया गया। 1969 के आंदोलन में विभिन्न सामाजिक संगठनों, छात्र संघों और सरकारी कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विरोध इतना हिंसात्मक था कि पुलिस फायरिंग में कई लोग मारे गए। यह विरोध का ही नतीजा था कि 1972 में अलग आंध्र प्रदेश के रूप में एक नए राज्य का गठन किया गया।
लगभग 40 वर्षों के विरोध के बाद, तेलंगाना बिल फरवरी 2014 में कांग्रेस वर्किंग कमीटी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा लोकसभा में पारित किया गया था। बिल 2014 में भारतीय संसद में पेश किया गया था और उसी साल आंध्र प्रदेश रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट को स्वीकृति प्राप्त हुई। विधेयक के अनुसार, तेलंगाना का गठन उत्तर-पश्चिमी आंध्र प्रदेश के दस जिलों द्वारा किया गया।
तेलंगाना के ऑफिशियल अलगाव की याद दिलाता है। 2 जून 2014 को, तेलंगाना के लोगों की आशाओं को साकार करते हुए, 57 साल पुराना एक आंदोलन समाप्त हो गया। आंदोलन ने न केवल क्षेत्र के लोगों को एक अलग पहचान प्रदान की, बल्कि भारत के नक्शे में भी बदलाव किया, जो अब राज्य की सीमाओं को दर्शाता है। हर साल स्थापना दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ-साथ देश भर के राजनीतिक नेता तेलंगाना के लोगों को शुभकामनाएं भेजते हैं।