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वित्त वर्ष 2022 में बदली है नौकरी तो ITR भरते समय रखना होगा कुछ जरूरी बातों का ध्यान

income tax

अगर आपने पिछले वित्त वर्ष के दौरान जॉब बदली है तो आपके लिए यह जान लेना जरूरी है कि आपको कैसे ITR फाइल करना है. जॉब बदलने के कारण आपको आईटीआर भरते वक्‍त दोनों कंपनियों द्वारा जारी फॉर्म 16 की जरूरत होगी.

नई दिल्‍ली. आयकर विभाग ने वित्‍तवर्ष 2021-22 का रिटर्न भरने के लिए पोर्टल खोल दिया है. साथ ही अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपके नियोक्‍ता की ओर से भी रिटर्न भरने के लिए फॉर्म 16 मिल चुका होगा. अगर जबकि रिटर्न दाखिल करने की शुरुआत हो चुकी है तो आपको इसके लिए जरूरी डॉक्‍यूमेंट भी जुटाने होंगे. इस साल रिटर्न भरने में कौन-कौन से डॉक्‍यूमेंट की जरूरत होगी और क्‍या तैयारियां करनी होंगी, पेश है पूरी जानकारी.

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पैन-आधार लिंक करना जरूरी
किसी भी करदाता को अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए सबसे जरूरी काम है पैन और आधार को लिंक करना. वैसे तो इसकी अंतिम तिथि 31 मार्च, 2022 थी जो समाप्‍त हो चुकी है, लेकिन आयकर विभाग ने जुर्माने के साथ यह काम पूरा करने की छूट दे रखी है. बिना पैन-आधार लिंक कराए आप अपना रिटर्न नहीं भर सकते हैं.

वेतन व अन्‍य आय से हुई कमाई का लेखाजोखा
वेतनभोगी को अमूमन उनके नियोक्‍ता की ओर से फॉर्म 16 मिल जाता है, जिसमें उनकी कमाई का पूरा ब्‍योरा होता है. इसके अलावा रिटर्न भरने से पहले आपको अपनी मंथली सैलरी स्लिप और सभी तरह के अलाउंस की डिटेल व टैक्‍स छूट का ब्‍योरा भी साथ रखना होगा. अगर आपको ब्‍याज से कमाई होती है तो इसकी छूट आयकर की धारा 80TTA के तहत ली जा सकती है, लेकिन इसके लिए बचत खाते पर ब्‍याज का स्‍टेटमेंट दिखाना होगा. यही काम एफडी और टीडीएस सर्टिफिकेट के लिए भी करना होगा.

आवासीय संपत्ति से हुई कमाई का ब्‍योरा
अगर आप मकान को किराये पर उठाते हैं और उससे आमदनी होती है तो इसका ब्‍योरा भी आईटीआर में देना होगा. अलग अलग हाउस प्रॉपर्टी पर टैक्‍स भी अलग तरीके से लगता है. मकान के किराये से हुई पूरी आमदनी पर टैक्‍स नहीं बनता है, बल्कि इसमें से नगर निगम का टैक्‍स और 30 फीसदी स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन और होम लोन का ब्‍याज घटाने के बाद जो राशि बचती है, उसी पर टैक्‍स देना पड़ता है. होम लोन पर छूट के लिए आपको बैंक से ब्‍याज सर्टिफिकेट पेश करना होगा.

शेयरों की बिक्री से हुई कमाई
आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं और शेयरों की बिक्री से मुनाफा हुआ है तो इसे बिजनेस से हुई आमदनी माना जाएगा. अगर आपने शेयरों को एक साल तक रखने के बाद बेचा है और इस पर एक लाख रुपये से अधिक का फायदा हुआ है तो जितनी राशि एक लाख से ज्‍यादा होगी, उस पर 10 फीसदी की दर से लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स देना होगा. अगर शेयर को एक साल से कम अवधि में बेच दिया तो मुनाफे पर सीधा 15 फीसदी का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स लगेगा.

80सी में छूट के लिए दस्‍तावेज
आपने कई तरह की टैक्‍स बचत वाली योजनाओं में निवेश कर रखा है और आयकर की धारा 80सी में टैक्‍स छूट चाहते हैं, तो इसकी रसीद संभालकर रखें और मांगे जाने पर पेश करें. इस सेक्‍शन में पीपीएफ, एनएससी, यूलिप, ईएलएसएस और जीवन बीमा पॉलिसी के निवेश को रखा गया है.

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फॉर्म 26एएस में टैक्‍स का पूरा ब्‍योरा
अगर आप टीडीएस या अन्‍य टैक्‍स कटौती का ब्‍योरा देना चाहते हैं तो फॉर्म 26एएस अपने पास रखना होगा. इसमें टीडीएस कटौती के अलावा आपसे वसूले गए अन्‍य सभी तरह के टैक्‍स का लेखाजोखा रहता है, जिसमें एडवांस टैक्‍स भी शामिल है. अगर फॉर्म 26एएस और आयकर रिटर्न में मेल नहीं खाता है तो विभाग की तरफ से इन्‍क्‍वायरी हो सकती है. अपना फॉर्म 26एएस आयकर के ऑफिशियल पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है.

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