एक से ज्यादा ड्रग का मिश्रण वाले सिरप या टैबलेट को FDC या कॉकटेल मेडिसिन कहा जाता है. कॉकटेल मेडिसिन के बढ़ते इस्तेमाल के कुछ दुष्परिणाम सामने आए हैं. खासकर एंटीबॉयोटिक कॉकटेल दवाओं के ज्यादा यूज होने से एंटीबॉयोटिक के बेअसर होने का खतरा बढ़ गया है.
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नई दिल्ली. केंद्र सरकार कुछ कफ सिरप और दवाओं पर जल्द ही प्रतिबंध लगा सकती है. ये ऐसी दवाएं हैं, जिनमें एक सिरप या टेबलेट में एक से ज्यादा ड्रग होती हैं. इन्हें फिक्स्ड ड्रग कम्बिनेशन्स (FDCs) कहा जाता है. आम बोलचाल की भाषा में इन्हें कॉकटेल मेडिसिन भी कहा जाता है. विकसित देशों में पहले से ही एक से ज्यादा ड्रग्स को मिलाकर तैयार की गई दवाओं को बेचने पर प्रतिबंध है. अब भारत ने भी ऐसी ही 19 सिरप और टेबलेट्स की सूची बनाई है, जिन पर जल्द ही बैन लग सकता है.
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर और हेड डॉ. एमएस भाटिया की अध्यक्षता में बनी एक विशेषज्ञ कमेटी ने 19 FDCs की एक लिस्ट सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (Central Drugs Standard and Control Organisation) को सौंपी है. सूत्रों का कहना है कि यह लिस्ट अब स्वास्थ्य मंत्रालय को दे दी गई है. जल्द ही इस पर फैसला होने की उम्मीद है.
क्यों हो रहा है रोक लगाने पर विचार?
एक से ज्यादा ड्रग का मिश्रण वाले सिरप या टैबलेट को एफडीसी या कॉकटेल मेडिसिन कहा जाता है. कॉकटेल मेडिसिन के बढ़ते प्रचलन के कुछ दुष्परिणाम सामने आए हैं. खासकर एंटीबॉयोटिक कॉकटेल दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से एंटीबॉयोटिक के बेअसर होने का खतरा बढ़ गया है. यही कारण है कि सरकार ने कॉकटेल दवाओं को लेकर अब सख्त रुख अपनाया है.
इन दवाओं पर लग सकता है बैन
विशेषज्ञ समिति ने जिन 19 FDCs की सूची बनाई है, उनमें सूमो, निसिप, डी कोल्ड टोटल, विक्स एक्शन 500 एडवांस्ड, कफ सिरप टेडीकॉफ, ग्रिलिंक्टस, कोडिस्टार, टॉसेक्स, एस्कोरिल सी, पिरिटोन एक्सपेक्टोरेंट और एंटीबायोटिक क्लिंडामाइसिन शामिल हैं. इन दवाओं का निर्माण करने वाली फार्मा कंपनियों में अल्केम, सिप्ला, रेकिट बेंकिजर, प्रॉक्टर एंड गैंबल, मैनकाइंड फार्मा, एबॉट, ग्लेनमार्क और ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन शामिल हैं.
अभी कुछ दवाओं को मिल सकती है छूट
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 19 एफडीसी की लिस्ट तैयार है, जिनमें बहुत से कफ सिरप शामिल हैं. अगर अभी बैन लगा दिया जाता है तो मार्केट से ज्यादातर कफ सिरप बाहर हो जाएंगे और ब्रांडेड कफ सिरप की शॉर्टेज हो जाएगी. इसीलिए सरकार कुछ एफडीसी को अभी बेचने की छूट देने पर विचार कर रही है. दो या तीन बड़े कॉम्बिनेशन्स बेचने पर छूट दी जा सकती है. टिक्सिलिक्स सिरप और कोरेक्स पर अभी बैन नहीं लगाया जाएगा.
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अधिकारी का कहना है कि किसी भी विकसित देश में ये कॉकटेल मेडिसिन इस्तेमाल नहीं हो रहे हैं. इसलिए भारत भी अब इन पर रोक लगाने की तैयारी कर रहा है. विशेषज्ञ समिति का गठन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का एक निर्णय आने के बाद 2017 में किया था. सरकार साल 2016 एफडीसी को फिल्टर कर रही है और अब तक 350 कॉकटेल मेडिसिन पर प्रतिबंध लगा चुकी है.