घरेलू सोशल कॉमर्स कंपनी मीशो (Meesho) ने कथित तौर पर भारत में अपना किराना कारोबार बंद कर दिया है। Meesho Superstore के बंद होने के बाद लगभग 300 Meesho कर्मचारियों की नौकरी चली गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने अपने किराना कारोबार को भारत के 90 प्रतिशत से अधिक शहरों (नागपुर और मैसूर को छोड़कर) में बंद कर दिया गया है। इसके चलते कई लोगों की नौकरी चली गई है।
क्या है रिपोर्ट?
Inc42 की एक रिपोर्ट के अनुसार, Meesho Superstore के बंद होने के बाद लगभग 300 Meesho कर्मचारियों की नौकरी चली गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मीशो ने नौकरी से निकाले गए लोगों को दो महीने का वेतन देने की बात कही है। हालांकि, कंपनी की तरफ से अभी कोई टिप्पणी नहीं की गई है। अप्रैल में, मीशो ने फ़ार्मिसो को सुपरस्टोर में रीब्रांड किया था। जिसका उद्देश्य टियर 2 बाजारों और उससे आगे के डेली आवश्यक वस्तुओं की कंज्यूमर डिमांड को पूरा करना था। उसी महीने, कंपनी ने 150 से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया, जिनमें से ज्यादातर फ़ार्मिसो से थे।
क्या है वजह?
ये भी पढ़ें–धांसू डील है लपक लो! 2000 रुपये से कम में मिल रहा धांसू लैपटॉप, Flipkart सेल का आज है आखिरी दिन
सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने पहले महामारी की पहली लहर में 200 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की थी। Inc42 की रिपोर्ट के अनुसार, “ज्यादातर शहरों में परिचालन बंद करने के स्टार्टअप के फैसले के पीछे कम रेवेन्यू और लिक्विडिटी की कमी है।” मीशो सुपरस्टोर छह राज्यों – कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में चालू था। बता दें कि मीशो के संस्थापक और सीईओ विदित आत्रे ने कहा था कि कंपनी मीशो सुपरस्टोर को अपने मुख्य ऐप के साथ एकीकृत करना चाहती है। ऑनलाइन किराने की खरीदारी को किफायती बनाने के लिए मीशो ने कर्नाटक में एक पायलट लॉन्च किया था और कंपनी का लक्ष्य 2022 के अंत तक 12 राज्यों में सुपरस्टोर उपलब्ध कराना था।
ये भी पढ़ें–SBI खाताधारकों का बंद होगा अकाउंट? PAN अपडेट से जुड़े मैसेज पर रहें अलर्ट
मीशो हाल ही में 10 करोड़ ट्रांजैक्शन करने वाले यूजर्स तक पहुंच गया है। कंपनी ने दावा किया कि मार्च 2021 के बाद से प्लेटफॉर्म पर लेन-देन करने वाले उपयोगकर्ता आधार में 5.5 गुना वृद्धि हुई है, जबकि इसी अवधि के दौरान वर्गीकरण 9X से बढ़कर 72 मिलियन हो गया है।