बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन ओवरसीज बैंक ने एमसीएलआर में वृद्धि कर दी है. दोनों ही बैंकों ने कर्ज की न्यूनतम ब्याज दर 0.10 फीसदी बढ़ा दी है. गौरतलब है कि यह इस महीने होने वाली एमपीसी की बैठक से पहले किया गया है.
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नई दिल्ली. सितंबर में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक से पहले बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने मार्जिनल कॉस्ट लैंडिंग रेट (एमसीएलआर) में इजाफा कर दिया है. इससे ग्राहकों द्वारा बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा.
बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने कर्ज वितरण की अपनी एमसीएलआर दरों में 0.10 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है. आईओबी ने एक नियामकीय सूचना में कहा कि सभी तरह के कर्ज की एमसीएलआर दरों में 0.10 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है. नई दरें शनिवार यानी 10 सितंबर से लागू हो गई हैं.
आईओबी की नई ब्याज दरें
बैंक ने बताया है कि ओवरनाइट एमसीएलआर अब 7.05 फीसदी और एक महीने का 7.15 फीसदी हो गया है. तीन और 6 महीने का एमसीएलआर 7.70 फीसदी हो गया है. एक साल की मैच्योरिटी वाले लोन के लिए एमसीएलआर 7.65 फीसदी से बढ़कर 7.75 फीसदी हो गई है. इसकी तरह 2 और 3 साल का एमसीएलआर 7.80 फीसदी हो गया है.
बैंक ऑफ बड़ौदा
बीओबी की नई एमसीएलआर दरें 12 सितंबर से लागू होंगी. बैंक का ओवरनाइट एमसीएलआर 7 से बढ़कर 7.50 फीसदी हो गया है. 3 महीने का एमसीएलआर 7.50 फीसदी और 6 महीने का 7.65 फीसदी हो गया है. एक साल के लोन पर एमसीएलआर 7.70 फीसदी से बढ़कर 7.80 फीसदी हो गया है.
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एमसीएलआर का लोन पर क्या होता है असर?
इससे कार, घर व पर्सनल लोन महंगे हो जाएंगे. आपकी ईएमआई पर एमसीएलआर का बहुत असर होता है. एमसीएलआर बढ़ने से ब्याज भी बढ़ता जाता है. आपको बता दें कि नई दरें भले किसी भी तिथि से लागू हों लेकिन आपकी ईएमआई पर इसका असर रीसेट डेट के दिन ही होगा जिसकी जानकारी बैंक द्वारा दिए गए कर्ज दस्तावेज में दी जाती है. एमसीएलआर वह दर होती है जिससे नीचे की दर पर बैंक आपको लोन नहीं दे सकता है.