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Health Insurance में कैशलेस क्लेम क्यों जरूरी और कैसे करें इसका इस्तेमाल? जानें पूरा प्रोसेस

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Cashless claim in Health insurance:  हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कैशलेस क्लेम सेटलमेंट के तहत इंश्योरेंस कंपनी हॉस्पिटल में बीमित व्यक्ति के इलाज पर खर्च होने वाली रकम का भुगतान सीधे अस्पताल को करती है.  क्लेम रिंबरसमेंट की तुलना में कैशलेस सुविधा हमेशा बेहतर है. क्योंकि क्लेम सेटलमेंट के लिए कागजी कार्यवाही और लंबी प्रोसेस को लेकर परेशान नहीं होना पड़ता है.

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नई दिल्ली: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Insurance Policy) में ग्राहकों को कैशलेस क्लेम की सुविधा दी जाती है. ताकि मेडिकल इमरजेंसी के वक्त किसी तरह की कोई आर्थिक समस्या न हो. आजकल सभी मेडिक्लेम पॉलिसी में कैशलेस फीचर एक आम बात हो गई है. इस सुविधा के तहत इंश्योरेंस कंपनी सीधे अस्पताल को बीमित व्यक्ति के इलाज पर हुए खर्च का भुगतान करती है. यानी हॉस्पिटल में एडमिट होने के दौरान ग्राहक को कोई पैसा नहीं देना पड़ता है. क्लेम रिंबरसमेंट की तुलना में कैशलेस सुविधा हमेशा बेहतर है. क्योंकि क्लेम सेटलमेंट के लिए कागजी कार्यवाही और लंबी प्रोसेस को फॉलो करना पड़ता है.

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कैशलेस क्लेम सेटलमेंट के तहत इंश्योरेंस कंपनी हॉस्पिटल में बीमित व्यक्ति के इलाज पर खर्च होने वाली रकम का भुगतान सीधे अस्पताल को करती है. इसमें हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट पर होने वाले सभी खर्च शामिल हैं. बजाज कैपिटल इंश्योरेंस ब्रोकिंग के सीईओ, वेंकटेश नायडू के अनुसार, इस सुविधा को सबसे बेहतर माना जाता है. क्योंकि इससे ग्राहकों का बोझ कम हो जाता है. पहले बीमित व्यक्ति को इलाज के लिए खुद भुगतान करना होता था और फिर बिल के साथ क्लेम के लिए आवेदन करना पड़ा था.

कैशलेस क्लेम प्रोसेस क्यों जरूरी?
मेडिकल इमरजेंसी के दौरान अपनी और अपने परिजनों की देखभाल करना पहली प्राथमिकता होती है. ऐसे समय में हेल्थ इंश्योरेंस होते हुए इलाज का खर्च उठाना और भागदौड़ करना कोई पसंद नहीं करता है. क्योंकि इस बुरे वक्त में परिजनों के पास रहना ज्यादा जरूरी होता है. इस अहम बात और ऐसे हालात से बचने के लिए इंश्योरेंस कंपनियां कैशलेस क्लेम की सुविधा प्रदान करती हैं.

कैशलेस क्लेम फेसिलिटी के कारण ग्राहकों को अस्पताल के खर्च और बिलों की चिंता नहीं करनी पड़ती है बल्कि वे अपने प्रियजनों के बेहतर इलाज पर फोकस करते हैं और उनके साथ रहते हैं. मेडिकल इमरजेंसी के दौरान यह कैशलेस क्लेम की सुविधा बहुत राहत देने वाली होती है.

कैशलेस क्लेम की सुविधा का लाभ कैसे उठाएं?
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कैशलेस क्लेम सुविधा का लाभ उठाने के लिए बीमित व्यक्ति को एक इंश्योरेंस कंपनी द्वारा लिस्टेड अस्पताल में इलाज कराना होता है. हालांकि पूर्व नियोजित और अनियोजित मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए इससे जुड़ी शर्तें अलग-अलग हो सकती है.

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प्लान्ड ट्रीटमेंट के केस में पॉलिसीधारक बीमाकर्ता के पास कैशलेस क्लेम फॉर्म जमा कर सकते हैं और बीमा कंपनी इसके बारे में अस्पताल को सूचित करेगी. बीमाकर्ता द्वारा जारी कंफर्मेशन लेटर जारी किया जाता है जिसे अस्पताल में इलाज के दौरान जमा करना होगा. वहीं अनप्लान्ड ट्रीटमेंट यानी किसी मेडिकल इमरजेंसी के दौरान बीमित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटे के अंदर इस बात की सूचना इंश्योरेंस कंपनी को देनी होती है. इसके बाद इंश्योरेंस कंपनी और अस्पताल सीधे के साथ डील करते हैं.

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