ईश्वर की त्रिमूर्तियों में एक महादेव हैं. उन्हें आदिदेव भी कहा जाता है. भक्तगण उन्हें अनेकों नाम से पुकारते हैं. वे जितने रहस्यमयी हैं, उनकी वेशभूषा व उनसे जुड़े तथ्य उतने ही विचित्र हैं. शिव पुराण में उनके तीन नेत्रों का उल्लेख है, इसलिए भक्त उन्हें त्रिनेत्रधारी भी कहते हैं.
ईश्वर की त्रिमूर्तियों में एक महादेव हैं. उन्हें आदिदेव भी कहा जाता है. भक्तगण उन्हें अनेकों नाम से पुकारते हैं. वे जितने रहस्यमयी हैं, उनकी वेशभूषा व उनसे जुड़े तथ्य उतने ही विचित्र हैं. शास्त्रों में लिखा है कि महादेव यानी शिवजी श्मशान में भी वास करते हैं. उनकी सभी तस्वीरों में उनके गले में नाग, माथे पर चंद्रमा और जटाओं में गंगा नजर आती हैं. बहुत से भक्त यह भी कहते हैं कि महादेव भांग और धतूरा ग्रहण करते हैं. वे अपने शरीर पर भस्म लगाते हैं.
इसी तरह की न जाने कितनी बातें हैं, जो शिवजी को अन्य सभी देवों में सबसे न्यारा बताती हैं. शिव पुराण में भगवान शिव के तीन नेत्रों का उल्लेख है, इसलिए भक्त उन्हें त्रिनेत्रधारी भी कहते हैं. उनके 3 नेत्र क्यों हैं, इस पर मथुरा के कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी कहते हैं कि एकमात्र शिव ही ऐसे देवता हैं, जिनकी तीन आंखें हैं अन्यथा धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक शीश वाले सभी देवताओं की 2 आंखें हैं. भगवान शिव का तीसरा नेत्र उनके माथे पर है, जो हमेशा बंद रहता है. उनका तीसरा नेत्र खुलने का सीधा-सा मतलब उनके क्रोध से है. क्रोधवश ही उनका तीसरा नेत्र खुलता है.
कुछ भक्तों में यह जिज्ञासा है कि शिव अपने शरीर पर भस्म क्यों लगाते हैं, क्योंकि उन्हें सिर्फ मृग चर्म (हिरण की खाल) लपेटे और भस्म लगाए बताया गया है. इस बारे में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी कहते हैं कि भस्म शिव का प्रमुख वस्त्र भी है, क्योंकि उनका पूरा शरीर ही भस्म से ढंका रहता है. शिव का भस्म रमाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक कारण भी हैं. भस्म की एक विशेषता होती है कि यह शरीर के रोम छिद्रों को बंद कर देती है. इसका मुख्य गुण है कि इसको शरीर पर लगाने से गर्मी में गर्मी और सर्दी में सर्दी नहीं लगती.
शिवजी के गण भूत-प्रेत भी होते हैं. इससे आशय है कि शिव देव-दानवों में अंतर नहीं मानते. जो उनकी शरण में आता है, वे बिना भेदभाव किए उसकी रक्षा करते हैं. उसे अपना लेते हैं.
