RBI ने खुदरा बाजार के लिए अपनी डिजिटल मुद्रा (डिजिटल रुपया) लाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट पर 5 बैंकों को शामिल किया है. इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं.
नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने खुदरा बाजार के लिए अपनी डिजिटल मुद्रा (डिजिटल रुपया) लाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट पर 5 बैंकों को शामिल किया है. द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये बैंक हैं – स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचडीएफसी बैंक.
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रिपोर्ट में इस मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक पायलट प्रोजेक्ट के लिए कुछ और बैंकों को जोड़ सकता है. यह प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू होने की उम्मीद जताई गई है.
आरबीआई केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) का परीक्षण करने के लिए एक-साथ 2 मोर्चों पर काम कर रहा है: एक थोक बाजार (wholesale market) के लिए, जिसके लिए एक पायलट प्रोजेक्ट पहले से ही चल रहा है, और दूसरा खुदरा अथवा रिटेल (CBDC-R) के लिए है.
कई चीजों पर चल रहा है विचार
केंद्रीय बैंक यह भी जानने की कोशिश कर रहा है कि क्या अपनी डिजिटल करेंसी के लिए एक नया ढांचा तैयार किया जाए या खुदरा सीबीडीसी को वर्तमान डिजिटल भुगतान प्रणाली के साथ इंटरऑपरेबल बनाया जाए.
रिपोर्ट के अनुसार, एक व्यक्ति ने बताया, “NCPI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) और RBI की मदद से पायलट प्रोजेक्ट को चलाने के लिए 5 बैंकों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. कुछ ग्राहक और व्यापारी खातों (Customer and Merchant Accounts) को जल्द ही रिटेल में डिजिटल रुपया पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए चुना जाएगा.”
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कॉन्सेप्ट नोट में RBI ने दिया था ये सुझाव
पिछले महीने एक कॉन्सेप्ट नोट में, आरबीआई ने सुझाव दिया था कि वह 50,000 रुपये से कम मूल्य के CBDC खुदरा भुगतान को कोई नाम नहीं देने (anonymity) पर विचार कर रहा था, ठीक उसी तरह, जैसे लोग छोटी मात्रा में नकद लेनदेन करते समय करते हैं.
निजी क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रचलन के बीच दुनिया में कई देश अपनी डिजिटल मुद्राएं लॉन्च करने पर विचार कर रहे हैं. यह उसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा, जिस पर क्रिप्टोकरेंसी होती है. CBDC का उद्देश्य नकदी पर निर्भरता को कम करना है.
सीबीडीसी के दो प्रकार (खुदरा (Retail) और थोक (Wholesale)) का कॉन्सेप्ट विशिष्ट उद्देश्यों की पूर्ति के लिए है. खुदरा सीबीडीसी का उपयोग सभी कर सकते हैं, जबकि थोक सीबीडीसी कुछ चुनिंदा वित्तीय संस्थानों तक ही सीमित होगी.