अयोध्या के मध्य में स्थित लता मंगेशकर चौक स्थानीय लोगों और यहां आने वाले उन पर्यटकों के लिए एक पड़ाव बन गया है, जो चौराहे से राम मंदिर की ओर अपनी यात्रा शुरू करते हैं.
अयोध्या के मध्य में स्थित लता मंगेशकर चौक स्थानीय लोगों और यहां आने वाले उन पर्यटकों के लिए एक पड़ाव बन गया है, जो चौराहे से राम मंदिर की ओर अपनी यात्रा शुरू करते हैं. ‘भारतरत्न’ दिवंगत लता मंगेशकर की 93वीं जयंती पर उनके सम्मान में राज्य सरकार द्वारा निर्मित चौक का उद्घाटन इसी वर्ष 28 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल माध्यम से किया था, इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वहां मौजूद थे. मध्य प्रदेश के ऊना के एक पर्यटक महेंद्र राणा ने कहा, ‘‘यह लता मंगेशकर जी को एक बड़ी श्रद्धांजलि है. हम सभी इसे देखकर वास्तव में प्रसन्न हैं.’’ फैजाबाद की ओर जाने वाली सड़क पर स्थित, चौक एक तरफ सरयू घाट (नया घाट) और राम पथ को जोड़ता है, जो निर्माणाधीन राम मंदिर की ओर जाता है. यहीं पर अधिकांश पर्यटक शहर और मंदिर की अपनी यात्रा शुरू करते हैं.
21 वर्षीय कॉलेज छात्र अजीत पांडे ने कहा, ‘‘मैं अयोध्या से हूं, हम इस चौक को नया घाट चौक के नाम से जानते हैं. मुझे इस बात की खुशी है कि अब इसे एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में विकसित किया गया है. हम यहां रुकते हैं और सोशल मीडिया पोस्ट के लिए तस्वीरें लेते हैं.’’ गोलचक्कर पर लगी 14 टन वजनी 40 फुट लंबी वीणा के पास उन्होंने अपने दोस्त की तस्वीरें ली. यहां लाउडस्पीकर पर राम भजन की धुन बजती है. कुछ बाहर की सीमा पर खड़े होते हैं जबकि अन्य अपनी आगे की यात्रा पर निकलने से पहले तस्वीरें और सेल्फी लेने के लिए अंदर आते हैं.
झांसी निवासी अभिषेक पाल सिंह परिवार सहित गोलचक्कर पर कुछ देर रुके. उन्होंने कहा ‘‘हम चार साल बाद अयोध्या आए हैं. चौक एक स्वागत योग्य बदलाव है. पिछली बार यह स्थान ट्रैफिक से भरा हुआ था. यहां कुछ तस्वीरें लेने के बाद, हम राम मंदिर जाएंगे और शाम को सरयू घाट पर आरती में शामिल होंगे.’’ लता मंगेशकर चौक, लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है, जिसके केंद्र में एक छोटा सा टैंक है, जिसके बीच से विशाल वीणा है, जो देखने वालों की जिज्ञासा को बढ़ाती है. यह वाद्य यंत्र भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसे विद्या की देवी सरस्वती के वाद्य यंत्र के रूप में जाना जाता है. टैंक के अंदर लता मंगेशकर के 92 साल के लंबे जीवन के प्रतीक 92 सफेद संगमरमर के कमल हैं.
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा, ‘‘परियोजना की निर्माण लागत लगभग 7.90 करोड़ रुपये थी. वीणा को ‘पद्म पुरस्कार’ से सम्मानित राम वी सुतार नेडिजाइन किया है, जिन्हें गुजरात में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के डिजाइन का श्रेय भी दिया जाता है. चौक के दोनों ओर पुलिस चौकी स्थित है. राम पथ के किनारे स्थित पुलिस चौकी के ठीक सामने एक एलसीडी स्क्रीन है जिस पर राम मंदिर निर्माण का एक एनीमेशन और दीप दीपावली समारोह के वीडियो दिखते हैं. यहां एक पुलिस चौकी है जिस पर अयोध्या पुलिस लिखा हुआ है. लेकिन जब ‘पीटीआई’ ने इसका दौरा किया, तो वहां कोई नहीं था और भाजपा नेताओं की तस्वीरों वाला एक बड़ा पोस्टर लटका हुआ था.
गोलचक्कर पर एक बस स्टैंड के बगल में भगवान राम और लक्ष्मण को लिए हुए भगवान हनुमान की 15 फुट ऊंची मूर्ति भी शहर में आने वालों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है. सुर साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेशकर चौक की तस्वीर वाला एक पोस्टर स्टैंड पर लगा हुआ है. इसमें राम मंदिर की तस्वीर भी है. चौक के उद्घाटन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि गायिका की आवाज की मिठास ने उन्हें हर बार मंत्रमुग्ध कर दिया था. उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह ‘‘श्री रामचंद्र कृपालु भज मन, हरण भव भय दारुनम’’ मंत्र हो या मीराबाई के ‘‘पायो जी मैंने राम रतन धन पायो’’ और महात्मा गांधी के पसंदीदा ‘‘वैष्णव जन’’ जैसे भजन हों, कई देशवासियों ने उनके गीतों के माध्यम से भगवान राम के दर्शन किए.