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Budget 2023: बजट से पहले PM मोदी करेंगे अर्थशास्त्रियों से चर्चा, इकॉनमी को स्पीड-अप करने पर होगा फोकस

पीएम मोदी 13 जनवरी को नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री इस दौरान अर्थव्यवस्था की स्थिति और आर्थिक वृद्धि दर को गति देने के उपायों पर चर्चा करेंगे. 

नई दिल्ली. देश में आम बजट (Budget 2023-24) की तारीख नजदीक आती जा रही है और इसे लेकर उद्योग जगत में सरगर्मी बढ़ गई है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बजट से पहले शुक्रवार यानी 13 जनवरी को नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ बैठक करेंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीएम मोदी इस दौरान अर्थव्यवस्था की स्थिति और आर्थिक वृद्धि दर को गति देने के उपायों पर चर्चा करेंगे.

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चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 7 प्रतिशत पर आने का अनुमान है. वरिष्ठ अधिकारी ने आगे कहा कि इस बैठक में कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को संसद में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगी.

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर होगा मंथन
मांग में नरमी के साथ देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में सालाना आधार पर घटकर 7 प्रतिशत रह सकती है. ऐसा होने पर भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था का दर्जा गंवा सकता है. सांख्यिकी मंत्रालय के पहले आधिकारिक अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर सात प्रतिशत रहेगी, जो बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7 प्रतिशत थी.

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यह अनुमान सरकार के पहले के 8 से 8.5 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान से काफी कम है. हालांकि, यह भारतीय रिजर्व बैंक के 6.8 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है. अगर यह अनुमान सही रहा, तो भारत की आर्थिक वृद्धि दर सऊदी अरब से कम रहेगी. सऊदी अरब की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है. वास्तव में, भारत की जीडीपी वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.3 प्रतिशत रही थी. जबकि इस अवधि में सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी.

बता दें कि आम बजट से पहले उद्योग जगत और आम आदमी को टैक्स की दरों में कटौती और व्यापार से जुड़ी अन्य सुविधाओं राहत मिलने की उम्मीद है. कई व्यापारिक संगठनों ने सरकार और वित्त मंत्री के सामने प्री-बजट बैठकों में अपनी तमाम राय रखी हैं. हालांकि, लेकिन मांगों को सरकार मानती है और आम आदमी को राहत देती है इसका फैसला 1 फरवरी को होगा, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के सामने अपना बजट भाषण पढ़ेंगी.

(भाषा से इनपुट के साथ)

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