सरकार का लक्ष्य वंदे भारत कोच के निर्माण को उस स्तर तक ले जाने का है, जहां वह हर सप्ताह 2 से 3 वंदे भारत ट्रेन तैयार कर सके. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल के बजट 2022 में भी वंदे भारत ट्रेन दौड़ाने का विजन पेश किया था.
नई दिल्ली. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल रेलवे को उम्मीद के मुताबिक जमकर सौगातें बांटी. रेलवे को रिकॉर्ड आवंटन के साथ ये सुनिश्चित कर दिया कि सरकार की मंशा सेवा, सुरक्षा और सुविधा पर पूरे मन से काम करने की है. 2.4 लाख करोड़ रुपये खर्च कर सरकार रेलवे के पूरे स्वरूप को ही आधुनिक बनाना चाहती है. इसके लिए सुंदर रेलवे स्टेशन बनाने के साथ तेज स्पीड में लग्जरी ट्रेनें दौड़ाने का भी लक्ष्य रखा है. इसमें सबसे ज्यादा जोर सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत को लकर है, जिसका उत्पादन अब कई गुना बढ़ाया जाएगा.
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अभी तक देश के 8 रूट पर वंदे भारत ट्रेन दौड़ा चुकी मोदी सरकार इसके जरिये पूरे देश को जोड़ने की योजना पर काम कर रही है. इसके लिए इन्फ्रा तैयार करने पर ही इस साल बजट में 75 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है. इन पैसों से देश के तीन और हिस्सों में वंदे भारत ट्रेन के कोच 18 को तैयार किया जाएगा और उत्पादन कई गुना तक बढ़ाया जाएगा. अब तक वंदे भारत कोच चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री यानी आइसीएफ में बनाए जाते हैं, लेकिन बजट में हरियाणा के सोनीपत, यूपी के रायबरेली और महाराष्ट्र के लातूर में तीन और वंदे भारत निर्माण इकाई लगाने का लक्ष्य रखा है. अनुमान है कि इससे अगले तीन साल में सरकार करीब 400 वंदे भारत कोच तैयार करेगी.
36 हजार पहियों के दिए ऑर्डर
ऐसा नहीं है कि रेलवे को बदलने का लक्ष्य इसी साल के बजट में बनाया गया है, बल्कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल के बजट 2022 में भी वंदे भारत ट्रेन दौड़ाने का विजन पेश किया था. तब वित्तमंत्री ने ऐलान किया था कि अगले तीन साल में 400 वंदे भारत कोच का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए यूक्रेन को 140 करोड़ में 36 हजार पहियों का ऑर्डर भी दिया जा चुका है. हालांकि, रूस के साथ युद्ध की वजह से सप्लाई बाधित हुई और अब चेक रिपब्लिक, पोलैंड, मलेशिया, चीन और अमेरिका को भी ऑर्डर दिए गए हैं. रेलवे ने स्टील अथॉरिटी को भी 1 लाख पहिये तैयार करने का ऑर्डर दिया है.
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हर हफ्ते तैयार होंगे तीन कोच
सरकार का लक्ष्य वंदे भारत कोच के निर्माण को उस स्तर तक ले जाने का है, जहां वह हर सप्ताह 2 से 3 वंदे भारत ट्रेन तैयार कर सके. इन ट्रेनों से 1950 और 1960 के दशक में चलाई गई ट्रेनों को रिप्लेस किया जाएगा. रेलवे वंदे भारत ट्रेन का निर्माण बढ़ाने के लिए इस कदर आतुर है कि उसने 80 हजार करोड़ की निविदा यानी ठेका भी जारी कर दिया है. इसके जरिये भारतीय फैक्ट्रियों में 80 हजार पहिये तैयार किए जाएंगे.
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