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CAG का सुझाव, ‘नीली अर्थव्यवस्था’ का ऑडिट करने के लिए नई तकनीकों की जरूरत, जानें- क्या है ‘ब्लू इकोनॉमी’

CAG का कहना है कि ‘नीली अर्थव्यवस्था’ का ऑडिट करने के लिए नई तकनीकों की जरूरत है. कौग ने कहा कि टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करना जरूरी है.

प्रधान लेखापरीक्षा संस्थानों (Principal Audit Institutions) को समुद्री या नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) के ऑडिट के लिए नई तकनीकों और क्षमताओं का विकास करना चाहिए. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) गिरीश चंद्र मुर्मू ने सोमवार को यह बात कही.

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उन्होंने कहा कि टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने के लिए ऐसा करना जरूरी है.

मुर्मू ने जी20 देशों के प्रधान लेखापरीक्षा संस्थानों (SAI20) की तीन दिवसीय बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘प्रधान लेखापरीक्षा संस्थानों (SAI) को अपने ऑडिट के जरिए प्रगति पर नजर रखने, कार्यान्वयन की निगरानी और सुधार के अवसरों की पहचान करके खुद को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ जोड़ना चाहिए.’

इस बैठक का आयोजन भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत किया गया है.

उन्होंने कहा कि नीली अर्थव्यवस्था का महत्व बढ़ने के साथ ही इसके ऑडिट का महत्व भी बढ़ेगा और ऐसे में साई20 समुदाय को नई तकनीकों, कौशल, क्षमताओं और विधियों तक पहुंच में एक दूसरे को सहयोग देना चाहिए.

कैग ने साई इंडिया के ‘पर्यावरण लेखापरीक्षा एवं संवहनीय विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय केंद्र’ में नीली अर्थव्यवस्था के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की घोषणा भी की.

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नीली अर्थव्यवस्था क्या है?

विश्व बैंक के अनुसार, नीली अर्थव्यवस्था “समुद्र पारिस्थितिकी तंत्र (Ecology System) के स्वास्थ्य को संरक्षित करते हुए आर्थिक विकास, बेहतर आजीविका और नौकरियों के लिए समुद्री संसाधनों का लगातार उपयोग है.”

नीली अर्थव्यवस्था का सिद्धांत क्या है?

नीली अर्थव्यवस्था में, संसाधनों का दोहन करने वाले व्यवसायों (मछली पकड़ने या खनन के माध्यम से), ऊर्जा का उत्पादन करने, या समुद्री परिवहन या जल निकायों या तट पर पर्यटन में संलग्न होने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करना चाहिए और टिकाऊ होना चाहिए.

नीली अर्थव्यवस्था की शुरुआत कहां से हुई?

संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार 2012 में एक सम्मेलन में “नीली अर्थव्यवस्था” की शुरुआत की और ड्यूरेबल मैनेजमेंट प्रबंधन को अंडरलाइन किया. इसके आधार पर स्वस्थ होने पर समुद्री पारिस्थितिक तंत्र (Ecological System) अधिक उत्पादक होते हैं.

नीली अर्थव्यवस्था के जनक कौन हैं?

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ब्लू इकोनॉमी कांसेप्ट के जनक गुंटर पाउली हैं. उनका जन्म एंटवर्प, बेल्जियम में मार्च 1956 में हुआ था और उन्होंने फ्रांस के फॉनटेनब्लियू में विश्व प्रसिद्ध बिजनेस स्कूल INSEAD से MBA किया. एक सफल उद्यमी (Entrepreneur) के रूप में, उन्होंने पिछले वर्षों में दस कंपनियों की स्थापना की है.

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