स्पूतनिक-वी वैक्सीन (Sputnik V) को विकसित करने वाले जमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इस फैसले पर नाखुशी जाहिर की है. इंस्टीट्यूट ने कहा है कि नामीबिया का फैसला किसी वैज्ञानिक आधार या रिसर्च पर आधारित नहीं है. भारत में भी स्पूतनिक-V (Sputnik V) वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है. हालांकि, अभी तक ऐसी कोई आशंका सामने नहीं आई है.
विंडहॉक. रूस की कोरोना वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) स्पूतनिक-वी (Sputnik V) सवालों में घिरती जा रही है. यह माना जा रहा है कि स्पूतनिक-वी वैक्सीन लेने वाले पुरुषों में HIV होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है. इस वैक्सीन की डोज लेने के बाद शरीर में कई तरह के बदलाव हो रहे हैं. इसी के चलते पहले दक्षिण अफ्रीका और अब नामीबिया ने इस वैक्सीन पर बैन लगा दिया है.
स्पूतनिक-वी वैक्सीन (Sputnik V) को विकसित करने वाले जमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इस फैसले पर नाखुशी जाहिर की है. इंस्टीट्यूट ने कहा है कि नामीबिया का फैसला किसी वैज्ञानिक आधार या रिसर्च पर आधारित नहीं है. बता दें कि दक्षिण अफ्रीकी नियामक SAHPRA ने फैसला लिया है कि वह अपने देश में स्पूतनिक-वी के आपात इस्तेमाल को मंजूरी नहीं देगा. दवा नियामक का दावा है कि कुछ रिसर्च से यह पता लगता है कि स्पूतनिक-वी में एडेनोवायरस टाइप 5 वेक्टर है, जिसके इस्तेमाल से पुरुषों में एचाईवी होने की आशंका बढ़ जाती है.
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फरवरी 2021 में प्रकाशित एक द लैंसेट ( The Lancet) स्टडी के अनुसार, स्पूतनिक वी के साइड इफेक्ट्स भी बाकी डोज के दुष्प्रभावों से मिलते-जुलते हैं. जैसे हल्का बुखार, सिरदर्द, थकान, वैक्सीन लगी जगह पर दर्द. मगर कुछ ऐसे साइड इफेक्ट्स भी हैं, जो सिर्फ स्पुतनिक वैक्सीन से ही हो रही है.
स्पुतनिक-V वैक्सीन का तीसरा ट्रायल 16427 वॉलंटियर्स पर किया गया था, जिसमें 45 लोगों में सीरियस साइड इफेक्ट्स नजर आए थे. इनमें डीप वेन थ्रोंबोसिस, हेमरेज स्ट्रोक और हाइपरटेंशन प्रमुख हैं. हालांकि, इंडिपेंडेंट डाटा मॉनिटरिंग कमेटी ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि ये साइड इफेक्ट्स इफेक्ट वैक्सीन के डोज से नहीं हुए थे.
कंपनी ने एक बयान में कहा है कि एचआईवी से संक्रमित लोगों को वैक्सीन लगाने या वैक्सीन से संक्रमित होने की खबरों को लेकर दक्षिण अफ्रीका को सभी जरूरी जानकारी सौंपी गई है, जिससे पता चलता है कि वैक्सीन से कोई खतरा नहीं है. रूसी वैक्सीन निर्माता ने कहा कि वैक्सीन लगवाने के बाद आंख से पानी आ सकता है या फिर हल्का जुखाम हो सकता है, लेकिन इससे एचआईवी का कोई खतरा नहीं है.