देश के फुटकर और थोक बाजारों (Retail and Wholesale Markets) में बारिश (Rains) के कारण मसालों की आवक में जबरदस्त कमी आई है. इसका असर हर वर्ग के जेब पर पड़ रहा है. देश के कई हिस्सों में बाढ़ और बारिश ने सब्जियों के बाद अब मसालों के दामों में भी जबरदस्त उछाल ला दिया है.
नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे देश में दाल और टमाटर के बाद अब मसालों के दाम (Prices of Spices) में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है. देश के फुटकर और थोक बाजारों (Retail and Wholesale Markets) में बारिश (Rains) के कारण मसालों की आवक में जबरदस्त कमी आई है. इसका असर हर वर्ग के जेब पर पड़ रहा है. देश के कई हिस्सों में बाढ़ और बारिश ने सब्जियों के बाद अब मसालों के दामों में भी जबरदस्त उछाल ला दिया है. बीते 10-15 दिनों में ही कई मसालों जैसे जीरा, हल्दी, लाल मिर्च, लौंग, दालचीनी और सौंठ जैसे मसालों के दाम दोगुने हो गए हैं. ऐसे में क्या सरकारी दरों पर टमाटर की तरह जीरा, हल्दी, लाल मिर्च, लौंग और दालचीनी भी बाजार में बेची जाएंगी?
बता दें कि देश के हर वर्ग खासकर मीडिल क्लास के लोग महंगाई से त्रस्त हैं. दूध, दही, सब्जी और मसालों सहित रसोई में इस्तेमाल होने वाले तकरीबन हर उत्पाद की कीमतों बढ़ गई हैं. पिछले कई महीनों से दाल, रिफाइन तेल के भाव ने आम लोगों का कमर तोड़ रखा है. बीते तकरीबन दो महीनों से टमाटर सहित कई सब्जियों के दाम में जबरदस्त उछाल आया है. ऐसे में अब मसालों की कीमतों ने मध्यमवर्ग के लिए मुश्किलें और बढ़ा दी है.
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मसालों के दाम में कब आएगी कमी
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मसालों की कीमतों ने किस कदर आम आदमी का कमर तोड़ दिया है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बीते वर्ष जीरा का थोक भाव 300 रुपये किलो था, जो इस साल बढ़ कर 700-800 के बीच पहुंच गया है. जीरा फुटकर बाजार में तो 1200 रुपये तक पहुंच गया है. इसी तरह लौंग, हल्दी, दालचीनी और सौंठ के भाव में उछाल आया है.
खारी बावली में क्या है मसालों के दाम
दिल्ली-एनसीआर के खारी बावली में मसालों का सबसे बड़ा बाजार है. यहां अमूमन मसालों की कीमतें कम रहती हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इस बाजार में भी मसालों की थोक मूल्य में आग लगी हुई है. मसालों के थोक व्यापारी सौरभ अग्रवाल कहते हैं, ‘मसालों की कीमतों में पिछले कुछ दिनों से जबरदस्त तेजी आई है. इसका कारण मसालों की आवक में कमी है. राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के कई भागों में फसल काटने के वक्त ही बारिश हुई है, जिससे पैदावार पर असर पड़ा है. इसलिए जीरे, लौंग और सौंठ सहित कई मसालों के दाम बीते कई कुछ दिनों से कुछ ज्यादा ही चढ़ गए हैं. उम्मीद है कि अगस्त के पहले या दूसरे सप्ताह से मसालों की कीमतें कम होंनी शुरू हो जाएंगी.’
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गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से देश में बढ़ती महंगाई ने आम आदमी के महीने के बजट को बिगाड़ दिया है. दालों के दाम में अभी तक कमी नहीं आई है. इस बीच टमाटर सहित कई साग-सब्जियों के दाम बढ़ गए और अब मसालों के दाम ने रुलाना शुरू कर दिया है. गरीब और मध्यमवर्ग के रसोई का पूरा बजट लगातार बिगड़ता ही जा रहा है. पहले से ही अरहर दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, चना दाल और उड़द दाल की कीमतों से लोग परेशान था अब मसालों के बढ़ते दाम ने और रुलाना शुरू कर दिया है.